Last Updated: June 25, 2012

Mantra For Sun Salutations And Worship

सूर्य नमस्कार और स्तुति

वेदों और पुरानों में सूर्य देव को चराचर सृष्टि की आत्मा कहा गया है, समस्त ब्रह्माण्ड की आत्मा सूर्य ही है, पुराणों में सूर्यदेव को आदित्य, दिवाकर, भास्कर और तेजोमय आदि से भी संबोधित किया गया है | सूर्य देव की अनुपम कृपा से ही इस पृथ्वी पर जीवन है, और सृष्टि के तेज और प्रकाश को बनाये रखने में इनकी कृपा जगतविदित है | 

अत: प्रातकाल सूर्यदेव को नमस्कार कारण  चाहिए और आरोग्यमय जीवन देने हेतु प्रार्थना करनी चाहिए |

In Hindi:-

 आदिदेव ! नमस्तुभ्यम प्रसीद मम भास्कर !
 दिवाकर ! नमस्तुभ्यम प्रभाकर नमोस्तु ते !!

In English:-                        
                                                 Aadidev |  Namastubhyam Prasid Mam Bhaskar |
                                                 Divakar |  Namstubhyam Prabhakar Namostu Te ||

 भावार्थ:-  हे आदिदेव सूर्यनारायण ! में आपको नमस्कार करता हूँ ! प्रकाश देने वाले हे भास्कर, आप प्रसन्न हो ! हे तेजस्वी दिवाकर देव ! में आपको नमस्कार करता हूँ ! हे तेजोमय देव ! में आपको नमस्कार करता हूँ !

सूर्यनमस्कार का फल

In Hindi:-

आदित्यस्य नमस्कारम ये कुर्वन्ति दिने दिने ! 
 जन्मांतरसहस्त्रेषु दारिद्रयं नोपजायते !!

In English:-

Aaditsya Namaskarm Ye Kurvanti Dine Dine |
JanmantarSahastreshu Daridrayam Nopjayate ||

 भावार्थ:- जो मनुष्य सदैव सूर्यनमस्कार करते है, उन्हें हजारों जन्मो तक दरिद्रता नही आती है ! और वे हमेशा सुखी व प्रसन्न रहते है ।

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