Last Updated: July 31, 2012

Shri Ram Gayatri Mantra & Ram Mantra

श्रीराम गायत्री मंत्र 

ओम् दशरथये विद्मिहे सीता वल्लभाय धीमहि |
तन्नो: राम: प्रचोदयात ||

श्रीराम मूल मंत्र 

ओम् ह्रीं ह्रीं रां रामाय नमः  
इति राम मूल मंत्र |

Last Updated: July 28, 2012

Krishna Gayatri Mantra

कृष्ण गायत्री मंत्र

गायत्री मन्त्रों का सभी प्रकार के मन्त्रों में अहम स्थान है | इसी तरह २४ गायत्री में से कृष्ण गायत्री मंत्र भी श्री कृष्ण भगवान की स्तुति और आराधना हेतु प्रयुक्त किया जाता है | कृष्ण गायत्री मंत्र का प्रत्येक यज्ञ या शुभ कर्मों पर आहुति देने से सर्वत्र शांति और सुख बना रहता है |

Last Updated: July 26, 2012

Hanuman Gayatri Mantra

हनुमान गायत्री मंत्र

Bajarang Bali Hanuman
हनुमान गायत्री महिमा

गायत्री मंत्र को जाप करने वाले और सात्विक मन्त्रों में श्रेष्ठ माना गया है | और माता भगवती कि कृपानुसार गायत्री मंत्र को विभिन्न वर्गों में भिभाजित किया गया है तथा यज्ञ और हवन में इन मंत्रो की आहुति को अत्यधिक महत्व दिया जाता है और शुभ माना जाता है | 

किसी भी यज्ञ या हवन के शुरुआत में सभी गायत्री मंत्रो की आहुति को अति उत्तम माना जाता है |

गायत्री के मंत्रो को कई देवताओं के श्रेणी में रखते हुए हर देव का गायत्री मंत्र और मूल मंत्र बनाया गया है जो अति प्रभावशाली है |
नीचे दिया हुआ मंत्र हनुमान गायत्री मंत्र कहलाता है,  इस मंत्र के जाप से हनुमान जी प्रसन्न होते है और भक्तों की उन पर कृपा होती है | मंत्र निम्न प्रकार से है:- 

Last Updated: July 25, 2012

Lord Shiva Gayatri Mantra

शिव गायत्री मंत्र

In Hindi:-
ओम् महादेवाय विद्मिहे रुद्रमुर्तये धीमहि |
तन्नो: शिव: प्रचोदयात ||

Last Updated: July 24, 2012

Lakshmi Mantra For Become Rich & Wealthy

लक्ष्मी गायत्री मंत्र

Mahalakshmi Mata
In Hindi:-


ओम् महादैव्ये विद्मिहे विष्णुपत्न्ये च धीमहि |
तन्नो: लक्ष्मी: प्रचोदयात ||

In English:-

Ohm Mahadaivye Vidmahe Vishnupatnye Cha Dhimahi |
Tanno: Lakshmi: Prachodayat ||

Last Updated: July 23, 2012

Mantra To Top In Exam

सरस्वती गायत्री मंत्र
 
Goddess Saraswati
In Hindi:-

ओम् एं वाग्दैव्ये क विद्मिहे कामराजाय धीमहि |
तन्नो: देवी प्रचोदयात ||

Last Updated: July 20, 2012

How To Get Job Quickly From Mantra

शीघ्रता से रोजगार प्राप्त करने का मंत्र
                                                                           
श्रीमद्भगवतगीता के दिव्य श्लोकों के अनुष्ठान से अद्भुत लाभ:-

विश्व का कोन ऐसा व्यक्ति है जो श्रीमद्भगवतगीता की अलौकिक दिव्य महिमा से अपरिचित हो | अखिल ब्रह्मांडाधिपिती सर्वनियन्ता सर्वेश्वर भगवान श्री कृष्ण स्वयं जिसका उपदेश करते हों | गीता के दिव्य श्लोको की दिव्य शक्ति उसमे समाहित है | किन्तु जगत के अधिकांश अर्थार्थी भक्तो का आधिक्य है | जो इस लोक में धन ऐश्वर्य प्राप्त करना चाहते है उनको गीता के इस श्लोक की उपासना करनी चाहिए | जिनके करने पर त्रिविध तापों व श्री, ओज, ऐश्वर्य आदि सुलभता से प्राप्त होते है |

Last Updated: July 19, 2012

Navagraha Gayatri Mantras

नवग्रह शांति निमित्त सिद्ध गायत्री मंत्र

Siddh Mantra To Overcome The Effects of Navagraha

Navagraha 
In the hindu methodology all the navagraha have relative movement with respect to the background of fixed stars in the zodiac. This includes the planets: Mars, Mercury, Jupiter, Venus, and Saturn, the Sun, the Moon, as well as positions in the sky, Rahu (north or ascending lunar node) and Ketu (south or descending lunar node).

Traditional Hindu astrologers castes in India are known to be major experts of Navagraha, many people would approach a hindu astrologer when they have problems and ask them on how to overcome them by performing certain rituals which involve worship of Navagraha to overcome ill effects.

Last Updated: July 17, 2012

Incarnation Of God And Philosophy Of Lord Avatar

भगवान का अवतार (अवतरण) कब और क्यों होता है ?

Avatars of  God
भगवान का अवतार कब और क्यों होता है, इस तथ्य को जानने के लिए सबसे पहले ये जानना अतिआवश्यक है की अवतार क्या है ?


अवतार:- भगवान समय-समय पर पृथ्वी पर अवतरित होते है, और पृथ्वी पर भगवान का मानव रूप में अवतरित होना ही अवतार कहलाता है, हमारे वेदों व शास्त्रों में अवतार होने के कई व्याख्यान देखने को मिलते है, कई बार भगवान को भी विधि का विधान भोगने के लिए पृथ्वी (मृत्युलोक) पर अवतरित होना पडता है, अंतत: भगवान का मृत्युलोक में अवतरण ही अवतार कहलाता है |

Last Updated: July 15, 2012

Mantra for Getting child

!! सन्तान प्राप्ति हेतु सफल सिद्ध मंत्र !!

Shree Govinday Namah 
In Hindi:- 

देवकी सुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते |
देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं समुपाश्रितः||

Last Updated: July 13, 2012

Mantra for Shiva Puja

!! भगवान शिव की आराधना !!

In Hindi:-

ओम् त्रयम्बकं यजामहे, सुगन्धिम्पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनात, मृत्युर्मुक्षीय मामृतात ||

Last Updated: July 12, 2012

Vedant Dashashloki (Nimbark Aaradhana)

सुदर्शनचक्रावतार आद्याचार्य जगदगुरु श्रीभगवन निम्बार्काचार्य प्रणीत


!! वेदान्तदशश्लोकी !!

    COMPOSED BY SHRI SUDARSHAN CHAKRAVATAR SHRI NIMBARKACHARYA

ज्ञानस्वरूपञ्च हरेरधीनं शरीरसंयोगवियोगयोग्यम् |
अणुम् हि जीवं प्रतिदेहभिन्नं ज्ञातृत्ववन्तं यदनन्तमाहु: ||१||

आनादिमायापरियुक्तरूपं त्वेनं विदुर्वै भगवत्प्रसादात् |
मुक्तन्च बद्धं किल बद्धमुक्तं प्रभेदबाहुल्यमथापि बोध्यम् ||२||

Last Updated: July 10, 2012

Tulsi Charnamrit Mantra

तुलसी चरणामृत लेते समय बोले जाने  वाला मंत्र


 अकालमृत्युहरणं सर्वव्याधिविनाशानम् |
 विष्णुपादोदकं पीत्वा पुनर्जन्म न विद्यते ||

अर्थात:- अकालमृत्युहरणं इस पद से तुलसी सेवन करने वालों को दीर्घायु की प्राप्ति होती है, और सर्वव्याधिविनाशानम् इस पद से संपूर्ण रोगों और व्याधियो का नाश हो जाता है, तथा पुनर्जन्म न विद्यते इस पद से मोक्ष की प्राप्ति होती है |

अत: तुलसी आध्यात्मिक, आधिदैविक और आधिभौतिक तीनों तरह के तापों को मूल रूप से उपशमन कने में तुलसी का विशेष योगदान है | तभी तो हमारे यहाँ प्रतिदिन मंदिरों आदि में तुलसी दल मिश्रित भगवान श्रीहरि का चरणामृत लेते समय इस मंत्र का स्मरण किया जाता है |

Last Updated: July 9, 2012

Tulsi Pooja & Stuti Mantras ( तुलसी मंत्र )

ब्रह्मवैवर्तपुराण, स्कन्दपुराण आदि पुराणों में तुलसी सभी पापों का नाश करने वाली व भगवान विष्णु की प्रियतमा बताया गया है, और इसके गुणों को देखते हुए ही हमारे पूर्वजो ने इससे पूर्ण सम्बन्ध बनाये रखने के लिए तुलसी का पौधा लगाना, जल चढाना, परिक्रमा लगाना आदि नियम बनाये थे और कुछ दैनिक उपयोग में आने वाले मंत्र भी स्थपित किये गए |

तुलसी नमस्कार मंत्र

 वृन्दायै तुलसीदेव्यै प्रियायै केशवस्य च |
विष्णुभक्तिप्रदे देव्यै सत्यवत्यै नमो नमः ||

तुलसी स्नान मन्त्र

गोविन्दवल्ल्भां देवीं भक्तचैतन्यकारिणीम् |
स्नापयामि जगद्धात्रीं विष्णुभक्तिप्रदायिनीम् ||

तुलसी उतारने का मन्त्र

 तुलस्यमृतजन्मासि सदा त्वं केशवप्रिया |
 केशवार्थं चिनोमि त्वां वरदा भव शोभने ||

ठाकुरजी को तुलसी चढाने का मंत्र

 तुलसीं हेमारूपां च रत्नरूपां च मंजरीम् |
 राधासर्वेश्वरायैतामर्पयामि हरिप्रियाम ||

Last Updated: July 8, 2012

Tulsi Mahatmya ( How useful The Ocimum tenuiflorum )

तुलसी महात्म्य ( तुलसी महत्व धार्मिक दृष्टि से )

Tulsi
तुलसी भगवान की एक अद्भुद देन है और तुलसी धार्मिक एवं आयुर्वेद दोनों ही दृष्टियों से महत्वपूर्ण है | मंदिरों आदि में तो भगवान श्रीहरि के पूजन की वस्तुओ में तुलसी का विशेष स्थान है, और तो और तुलसी के बिना भगवान अपनी पूजा अर्चना व भोग और नैवेद्य भी स्वीकार नहीं करते |

 शिला ताम्रं तथा तोयं शंखः पुरुषसूक्तकम् | 
गन्धं घंटा तथा तुलसीत्यष्टाङ्गं तीर्थमुच्यते || 

उपर्युक्त हलायुद्ध ग्रन्थ के प्रमाणानुसार देवतीर्थ के आठ पदार्थों में तुलसी का होना परम आवश्यक है | बिना तुलसी के देवतीर्थ भी अपूर्ण है |