Last Updated: August 4, 2012

Teej Fastival In India

Importance of Teej in India


पूर्ण भारतवर्ष में आज के दिन को तीज, हरियाली तीज और कजली तीज के रूप में मनाया जाता है, और यह त्योंहार मुख्यतः भारत और उसके आसपास के देशों में ही मनाया जाता है |



श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को श्रावणी तीज कहते हैं। भारत में यह हरियाली तीज के नाम से जानी जाती है। यह मुख्यत: स्त्रियों का त्योहार है। इस समय जब प्रकृति चारों तरफ सावन की हरियाली की चादर बिछा देती है तो प्रकृति की इस छटा को देखकर मन पुलकित होकर नाच उठता है। जगह-जगह झूले पड़ते हैं। स्त्रियों के समूह गीत गा-गाकर झूला झूलते हैं। हरतालिका तीज (बड़ी तीज) व्रत भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की तृतीय को हस्त नक्षत्र के दिन होता है | इस दिन कुमारी (कुंवारी) और सौभाग्यवती महिला गौरी शंकर की पूजा करती है |

हरियाली तीज (बड़ी तीज)

यह श्रावणी तीज, हरियाली और कजली तीज के रूप में भी मनायी जाती है, यह त्यौहार मुख्यत: महिलाओं का त्यौहार है जिसमें महिलाएं उपवास और व्रत रखती हैं और मां गौरी की पूजा करती हैं. सावन के आते ही चारों ओर मनमोहक वातावरण की सुंदर छ्ठा फैल जाती है. श्रावण माह के शुक्ल पक्ष में तृतीया तिथि को महिलाएं हरियाली तीज के रुप में मनाती हैं | इस समय वर्षा ऋतु की बौछारें प्रकृति को पूर्ण रूप से भिगो देती हैं | प्रकृति में हर तरफ हरियाली की चादर सी बिछी होती है और इसी कारण से इस त्यौहार को हरियाली तीज कहा जाता है |

सावन की तीज में महिलाएं व्रत रखती हैं इस व्रत को अविवाहित कन्याएं योग्य वर को पाने के लिए करती हैं, तथा विवाहित महिलाएं अपने सुखी दांपत्य की चाहत के लिए करती है | देश के पूर्वी इलाकों में इसे कजली तीज के रुप में जाना तथा अधिकतर लोग इसे हरियाली तीज के नाम से जानते हैं इस समय प्रकृति की इस छटा को देखकर मन पुलकित हो जाता है जगह-जगह झूले पड़ते हैं और स्त्रियों के समूह गीत गा-गाकर झूला झूलते हैं |

श्रावण मास की हरियाली छटा को देखकर स्त्रियों के मन झूम उठते है, और कुंवारी और सौभाग्यवती महिलाएं इस दिन माँ गौरी और भगवान शंकर का व्रत और उपवास रखती है, और भगवान से यही कामना करती है की उनका सौभाग्य सुरक्षित रहे और कुंवारी भगवान से योग्य वर के कामना करती है |
भारत में यह पर्व बड़े ही हर्ष और उल्लास से मनाया जाता है, और इस दिन मान्यता है की आटे का सत्तू या घेवर की मिठाई का उपयोग किया जाता है | और इस दिन न कवक माता पार्वती की पूजा होती है बल्कि भगवान शंकर की भी पूजा होती है |

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