December 28, 2012

Aasan Shuddhi Mantra or Purification Of Worship Seat

आसन शुद्धि मंत्र 

किसी भी तरह की पूजा स्तुति और शुभारंभ से पहले जिस आसन पर आप विराजमान होना चाहते है उस पर बैठने से पहले नीचे दिए गए इस मंत्र से आसन को शुद्ध का लेना चाहिए | तथा पूजन करने के लिए आसन का शुद्ध होना अति आवश्यक है |

आसन शुद्धि:- आसन अर्थात वह स्थान जहाँ से आप परमपिता परमेश्वर के आराधना करते है, अतएव आसन का शुद्ध होना अत्यंत आवश्यक है | पूजा करने के आसन को शास्त्रों में उच्च स्थान का दर्जा प्राप्त है क्योकि यही आसन परमेश्वर से मनुष्य के जुडाव का हेतु है | अत: इस सेतु अर्थात आसन की शुद्धि होना अति आवश्यक है |

Mantra To Sanctification (Pavitrikarana)

पवित्रीकरण (शुद्धि) मंत्र 

पवित्रीकरण का मंत्र सभी प्रकार कि पूजा, नित्य उपासना, संध्याकालीन स्तुति आदि में अति आवश्यक है और अशुद्धि से पूजा करना निषेध माना जाता है |

पवित्रीकरण:- पवित्रीकरण और शुद्धि का अर्थ स्वयं तथा वातावरण कि शुद्धि ही नहीं होता है, अपितु यह धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है | यथा जब आप कभी भी पूजा पाठ अथवा स्तुति करते है तो यह कल्पना करते है कि मंदिर (पूजा स्थान) स्वच्छ है और आप भी स्नानादि से निवृत होकर पाठ पूजन कर रहे और यही पवित्रीकरण है, यह उचित नहीं है |

December 18, 2012

Significance Of Om And Omkar Mantra

ओ३म् (ॐ) या ओंकार का अभिप्राय और महत्ता

ओंकार - परमाक्षर
ओ३म् (ॐ) क्या है:- ओ३म् (ॐ) का शाब्दिक और सरल अर्थ प्रणव अर्थात परमेश्वर से है, ओ३म् वास्तविकता में सम्पूर्ण सृष्टि कि उद्भावता कि ओर संकेत करता है, कहने का तात्पर्य यह है कि ओ३म् से ही यह चराचर जगत चलायमान है और इस संसार के कण कण में ओ३म् रमा हुआ है |

ओ३म् किसी भी एक देव का नाम या संकेत नहीं है, अपितु हर धर्म को मानने वालों ने इसे अपने तरीके से प्रचलित किया है | जैसे ब्रह्मा-वाद में विश्वास रखने वाले इसे ब्रह्मा, विष्णु के सम्प्रदाय वाले वैष्णवजन इसे विष्णु तथा शैव या रुद्रानुगामी इसे शिव का प्रतिक मानते है और इसी तरीके से इसको प्रचलित करते है | परन्तु वास्तव में ओ३म् तीनों देवो का मिश्रित तत्त्व है जो कि इस प्रकार है:-

December 17, 2012

Shri Ram Raksha Stotra

श्री राम रक्षा स्त्रोत्रम्

Lord Ram
श्रीरामरक्षास्तोत्रम् बुधकौशिक नामक ऋषि द्वारा रचित है और यह भगवान श्रीराम की स्तुति में रचा गया है।

माता सीता और भगवान श्रीराम कि स्तुति हेतु इस स्त्रोत्र का जाप किया जाता है |  तथा श्रीरामचन्द्र जी की प्रसन्नता के लिये रामरक्षास्तोत्र के जप में विनियोग किया जाता है।

इस स्त्रोत्र के बारे में शास्त्रों में यह तक कहा जाता है कि जो कोई भी इस स्त्रोत्र को कंठ में धारण कर लेता है अर्थात कंठस्थ कर लेता है, उसको सभी सिद्धियाँ प्राप्त हो जाती है |

यह स्त्रोत्र किसी भी प्रकार कि बाधाओं और समस्याओं से छुटकारा दिलाने कि अद्भुत क्षमता रखता है | अत: जपकर्ता को पूर्ण श्रृद्धा और समर्पण भाव से इस स्त्रोत्र का जाप करना चाहिए | तथा भगवान श्रीराम, माता सीता और हनुमान जी को मन और चित्त में स्थापित कर इस स्त्रोत्र का ध्यान करने वाले निश्चित ही सभी बाधाओं एवं विपत्तियों से छुटकारा पाते है |

October 31, 2012

Meditation And Meditation Techniques

 ध्यान (Meditation) क्या है ? और यह कैसे किया जाता है

ध्यान अर्थात Attention, हमारे मन तथा बुद्धि को एकाग्र और केंद्रित करने के लिए जो प्रक्रिया हम उपयोग में लेते है, उसे ही हम ध्यान (Meditation) कहते है | परन्तु यह प्रक्रिया केवल मन (चित्त) और विवेक को केंद्रित ही नहीं करती बल्कि हमारे मस्तिष्क को भी एक निश्चित जगह पर केंद्रित करके मन को स्थिर कर देती है |

October 29, 2012

Gayatri Mantra Japa For Accomplish Purpose

विशेष उद्देश्य तथा प्रयोजन सिद्धि हेतु गायत्री मंत्र का जाप (सम्पुट विधि)
शास्त्रों में प्रत्येक मंत्र को अति प्रभावकारी और फलदायी माना गया है, तथा प्रत्येक मंत्र की कुछ सीमाएं और परिमाप होता है और उनके लिए साधक को पूर्ण सावधानी रखने की आवश्यकता होती है | परन्तु अगर हम विशेष प्रयोजन की बात करे तो मंत्र जाप तभी सार्थक होता है जब किसी विशेष कार्य हेतु सम्पुट लगाकर तथा इच्छित संकल्प के साथ जाप किया जाये | साधको और मंत्र जाप करने वालों के लिए सम्पुट मंत्र कोई नया शब्द नहीं है, और जो नहीं जानते उनको मैं बता देता हूँ की सम्पुट मंत्र वह होता है जो किसी मंत्र के बाद बोला जाता है और हर मंत्र की पुनरावृति के साथ ही इस मंत्र का जाप होता है | इसे सम्पुट मंत्र कहते है |

October 21, 2012

Benefits of Chanting Gayatri Mantra

गायत्री मंत्र के प्रयोग से लाभ तथा प्रभावकारी विधान

Gayatri Mantra
वैसे तो गायत्री मंत्र को महा मंत्र माना गया है, पर इसे बीज मंत्र भी कहा जाता है और इसके जाप और पूजन का एक अलग विधान होता है | गायत्री मंत्र का जाप करने वाले को उसके जीवनकाल में कभी भी विपत्तियों से सामना नहीं करना पडता है और उसकी सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण हो जाती है ऐसा शास्त्र कहते है | पर मैं उन्हीं शास्त्रोंनुसार कुछ फलदायी प्रयोग आपके सम्मुख प्रकट कर रहा हूँ |

Successful Gayatri Mantras for Happiness, Prosperity & Curing Diseases

अनिष्ट (कष्ट- विपत्ति- आपदा) निवारण हेतु गायत्री मंत्र का प्रयोग 

ग्रह शांति हेतु(Mantra for peace of the Planet):- ग्रह शांति के लिए दूध की लकड़ी से एक हजार (1000) गायत्री मंत्रो का जाप करके हवन करने से सभी तरह के ग्रहों कि शांति होती है | तथा दूध की लकड़ी के बजाय शमी कि लकड़ी हो तो उसे अति उत्तम माना गया है, इस प्रकार हवन तथा पाठ करने से आपके सभी प्रकार के भौतिक रोग और व्याधि नष्ट हो जाते है और साथ ही साथ सभी ग्रह भी भगवती गायत्री की कृपा से शांत हो जाते है |
Bhagawati Gayatri 

September 27, 2012

Lord Hayagriva Gayatri Mantra

|| श्री हयग्रीवा गायत्री मंत्र ||

भगवान हयग्रीव 

Lord Yama Gayatri Mantra

श्री यमराज गायत्री मंत्र  ( Gayatri Mantra For Lord of Death )

मृत्यु के देवता:- यमराज

Goddess Tulsi Gayatri Mantra

|| श्री तुलसी गायत्री मंत्र ||

Tulsi

God Agni Beej Mantra

अग्नि देव बीज मंत्र
Agni Dev
अग्नि हिन्दू धर्म में आग के देवता हैं । वो सभी देवताओं के लिये यज्ञ-वस्तु भरण करने का माध्यम माने जाते हैं | इसलिये उनकी उपाधि भारत है । वैदिक काल में अग्नि सबसे ऊँचे देवों में से एक मने जाते है । और जितने भी हिन्दू यज्ञ, हवन और विवाह होते है उसमें अग्नि द्वारा ही देवताओं की पूजा की जाती है ।

Shree Agni Gayatri Mantra

श्री अग्नि गायत्री मंत्र

श्री अग्नि देव को वेदों में आग अर्थात तेज का देवता माना गया है, और सभी यज्ञादि कार्यों को अग्नि देव के सहायतार्थ ही संपन्न किया जाता है | पुरानों में यह भी मान्यता है कि आप यज्ञ और हवं में जो कुछ भी अग्नि में अर्पित करते है वह सभी देवताओं तथा पितरों को प्राप्त हो जाता है |

September 19, 2012

Ganesh Vandana And Mantras

सुखकर्ता विघ्नहर्ता भगवान श्री गणपति

Shree Ganesha
भगवान गणपति प्रथम पूज्य देव है और मगल मूर्ति है | तथा विघ्ननिवारण के लिए उनको पूजा जाता रहा है |

पर इतना ही नहीं भगवान गणेश की एक विशेषता भी उनकों सर्वलोकप्रिय बनाती है, वह यह है की भक्तों पर कृपा करने वह स्वयं भक्तों के घर पर जाते है तथा वहाँ पर विराजमान होते है | 

गणपति का पूजन करने वाले भक्तों को चाहिए की वह दूब और पुष्पों से उनका पूजन करे क्योकि दूब गणेश को अत्यंत प्रिय है और गुड के मोदक का नैवेद्य भी उनको अति प्रिय है | भगवान गणेश आदि देवों की श्रेणी में आटे है जिन्होंने हर युग में अवतार लिया है और भक्तों को संकट से उबारा है | 

September 18, 2012

Significance of Ganesh Chaturthi (Ganesh Chaturthi Festival)

भारतीय सभ्यता और संस्कृति में गणेश चतुर्थी का महत्व 

गणेश चतुर्थी:- गणेश चतुर्थी भारतीयों का एक प्रमुख त्योंहार है और यह पूरे भारत में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है | हिंदू पुराणानुसार गणेश चतुर्थी में भी थोड़े मतभेद होने की वजह से यह त्यौहार शिवपुराण के अनुसार भादप्रद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को और गणेश पुराण के अनुसार भादप्रद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवन श्री गणेश का जन्म हुआ बताया जाता है | अत: इस दिन अर्थात गणेश पुराणानुसार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है | वैसे तो पूरे भारत में इस त्यौहार को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन महाराष्ट्र में इसका विशेष महत्व है | और महाराष्ट्र में भी पुणे में यह त्यौहार विश्व ख्याति प्राप्त है | देश विदेशो में भी इस त्यौहार को बड़ी ही श्रृद्धा भाव से मनाया जाता है और इस दिन भगवन गणेश की पूजा की जाती है |

September 17, 2012

Praise, Meditation And Worship Of Gayatri Mantra

गायत्री महामंत्र की स्तुति, ध्यान तथा वंदना

ओम् भूर्भुव: स्वः तत्स वितुर्वरेर्ण्यं !
भर्गो देवस्य धीमहि धियो: योनः प्रचोदयात !!

हमारे वेदों, पुराणों और शास्त्रों में कई तरह के मन्त्र होते है,  और देवताओं की स्तुति के लिए अलग मंत्र होते है तथा ध्यान के लिए अलग तथा वंदना के अलग स्त्रोत्र होते है |

परन्तु जप करने लायक इस गायत्री मन्त्र  के लिए ऐसा विधान नहीं है, गायत्री मंत्र में जप, ध्यान, स्तुति और वंदना करने के लिए एक ही मंत्र का प्रयोग किया जाता है अर्थात गायत्री मन्त्र अपने आप में ही पूर्ण महामंत्र है और इस महामंत्र कि स्तुति, ध्यान और वंदना इस प्रकार है:-

स्तुति:-  "ओम् भूर्भुव: स्वः"

इस मंत्र छंद से उस परमात्मा कि स्तुति की जाती है जो तीनो लोकों में व्याप्त है अर्थात जो अपने प्रकाशमान रूप से इस चराचर जगत में स्थित है और अपने तेज से इन तीनो लोकों को प्रकाशित करते है |

ध्यान:-  "तत्स वितुर्वरेर्ण्यं भर्गो देवस्य धीमहि"


इस छंद में पाप का विनाश करने वाली माँ भगवती का शांत मन से चिंतन एवं ध्यान का वर्णन किया गया है |

प्रार्थना:- "धियो: योनः प्रचोदयात"

इस छंद से मंत्र कि शक्ति के द्वारा बुद्धि एवं विवेक को सही दिशा में ले जाने और मोक्ष प्राप्ति की कामना कि गयी है | इस प्रकार से मानव जीवन को सार्थक एवं सफल बनाने के लिए यह महामंत्र है और इस सिद्ध मंत्र का जाप निश्चित रूप से फलदायी होता है ऐसा मेरा मत है |

(श्री गायत्री नमः)

Gayatri Yantra And Mantra For Gayatri Pooja

श्री गायत्री यन्त्र

श्री गायत्री माँ को भगवती गायत्री भी कहा जाता है और उनके पूजन यन्त्र को गायत्री यन्त्र कहा जाता है |

Gayatri Yantra

September 14, 2012

Mantra for Freedom From Phantom Spirits and Peace

गृह शांति और मृत अथवा प्रेत आत्माओं से मुक्ति के लिए 

गृह शांति और प्रेतात्माओं से मुक्ति केवल प्रभु (परमात्मा) कि कृपा से ही संभव है, क्योकि वह परमपिता परमेश्वर है और सब कुछ जो भी घटित हो रहा होता है या होने वाला होता है वह प्रभु कि ही लीला है | अत: इस परेशानी का हल भी प्रभु के पास ही होता है | 

September 10, 2012

Shree Mahamrityunjay Mantra And Shiva Yantra

महामृत्युंजय मंत्र और शिव यन्त्र 

श्री शिव यन्त्र 

September 9, 2012

Mantras for Happiness (What's Happiness?)

सुख की अनुभूति और सुख का अनुभव

आज मैं जिस शब्द या जिस प्रसंग पर चर्चा कर रहा हूँ वह आज की परम आवश्यकता है, क्योकि आजकल के इस द्रुतगामी युग में प्रत्येक प्राणी सुख की भिन्न-भिन्न परिभाषाओं में अपना जीवन जी रहे है | और आश्चर्य की बात यह है कि किसी को भी असली सुख की अनुभूति ही नहीं होती है | क्यों ?

इस क्यों का उत्तर यह है कि किसी को यह ज्ञान नहीं है कि असली सुख क्या है, कोई पैसों को सुखा समझता है तो कोई परिवार को, और कई लोगों ने तो सुख कि परिभाषा ही बदल दी | मनुष्यों ने धन-दौलत, गाडी-बंगला, और सांसारिक भोगों को भोगना ही सुख मान लिया | परन्तु इन सब के बावजूद भी प्राणी सुखी नहीं है क्यों ?
क्योकि मनुष्य को सुख का अर्थ ही समझ में नहीं आता है |

September 7, 2012

Navadha Bhakti In RamcharitManas

श्री रामचरितमानस में नवधा-भक्ति 

प्रथम भक्ति संतन सत्संगा | 
दूसर मम रति कथा प्रसंगा ||

गुरु पद पंकज सेवा, तीसरी भक्ति अमान |
चौथी भक्ति मम गुन गन, करहीं कपट तजि गान ||

मंत्र जाप मम दृढ विश्वासा |
पंचम भजन सो वेद प्रकाश ||

Navadha Bhakti in Bhaagawat

श्रीमद्भागवत में नवधा-भक्ति 

NAVADHA-BHAKTI

In Hindi:-

श्रवणं कीर्तनं विष्णोः स्मरणं पादसेवनम् |
अर्चनं वन्दनं दास्यं सख्यमात्म निवेदनम् ||

In English:-

Shravanam Kiratanam Vishno: Smranam Paadasevanam |
Archanam Vandanam Dasyam Sakhyamaatm Nivedanam ||

September 1, 2012

Shree Krishnam Sharanam Mam

श्री कृष्णम् शरणं मम

मधुर और मनोहर छवि वाले मदन गोपाल कृष्ण को पूजने से और उनकी शरण में जाने से प्रत्येक प्राणी का उद्धार होता है, इसमें कोई संदेह नहीं है |
भगवान श्री बांके बिहारी सदा अपने भक्तों का हित चाहते है और भक्तों कि रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते है, उन्होंने गीता में अर्जुन से कहा है कि -

तेषामहं समुद्धर्त्ता मृत्युसंसारसागरात |
भवामि नचिरात्पार्थ मय्यावेशितचेताशाम् ||

अर्थात:- हे अर्जुन ! वो भक्तजन जो चित्त को स्थिर रखते हुए सदा मेरे को ही भजते है और मुझ परमेश्वर में ही लीन रहते है, ऐसे प्रेमी भक्तों का मैं इस मृत्युरूपी संसार से उद्धार कर देता हूँ |

August 27, 2012

The Glory of God's Chanting

भगवान का स्मरण और स्मरण रूपी अमृत की महिमा 

भगवतस्मरण रुपी अमृत मानव के लिए कितना जरूरी है, इस विषय की चर्चा करने से पहले मैं यह बताना उचित समझाता हूँ की भगवत स्मरण-अमृत क्या है ?

आप के मन में विचार उठ रहे होंगे की इतनी सर्व साधारण बात को क्यों बताया जाता है, पर जरूरत बताने या समझाने की नहीं है, बल्कि उसको अपनाकर जीवन में उतरने की है | और भगवान का सतत संकीर्तन और नाम जप ही भागवत नाम अमृत कहलाता है | तथा  भगवान नाम के स्मरण व नित्य चिंतन करने से मनुष्य के सभी पापों का सर्वथा नाश हो जाता है | अत: कहा गया है कि:-

हरिर्हरति पापानि दुष्टचित्तेरपिस्मृत: |
अनिच्छयाऽपि संस्पृष्टो दहत्येव ही पावक: ||      

अर्थात:- जिस प्रकार अग्नि बिना इच्छा के स्पर्श करने पर भी जला देती है, उसी प्रकार भगवान नाम भी दुष्टजनों के द्वारा स्मरण करने पर उनके समस्त पापों को हर लेता है |

August 25, 2012

Mantra To Prevent and Save form Premature Death

अकालमृत्यु निवारण और वंश वृद्धि के लिए

भगवान भोलेनाथ के सिद्ध मन्त्रों का जाप सर्वदा फलदायी होता है और मन्त्रों को श्रृद्धा व भक्तिपूर्वक जाप करना फलदायी होता है | 

August 24, 2012

Mantra To Accomplish all Wishes and Destroy Enemy

सर्वमनोकामना सिद्धि तथा शत्रु पर विजय हेतु शिव मंत्र

Lord Shiva Shankar
भगवान शिव जो कि सृष्टि के विनाशकर्ता तथा संहारकर्ता है, और हिंदू मान्यताओं के अनुसार त्रिदेवो में इनका अहम कार्य है वो है संहार करना | अर्थात देवो के देव महादेव संहारक होते हुए भी जगत का आधार है और भक्तो में परम और करुना कि मूर्ति है | मनोकामना प्राप्त करने के लिए अर्थात मनोरथ सिद्ध करने हेतु तथा शत्रु का विनाश करने हेतु इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है | 

आदिकाल से ही भगवान शिव को कृपा करने और वर देने के लिए अग्रणी माना जाता रहा है और भगवन महादेव तो इतने भोले है कि कोई भी भक्त पूर्ण श्रृद्धा से और पूर्ण समर्पण से उनको जपता है तथा वे प्रसन्न होने पर यह नहीं देखते कि कौन उनसे क्या वर मांग रहा है, तभी तो इनको भोलेनाथ भी कहा जाता है |

August 23, 2012

Mantra to Get Good Fiance and Child

योग्य वर और इच्छित संतान प्राप्ति हेतु शिव मंत्र 

In Hindi:-

नमोस्तु नीलग्ग्रीवाय सहस्राक्षाय मीदुषे |
अथोयेअस्यसत्त्वावो हन्तेभ्योकरन्नम: ||

Mantra to Make Brain Sharper (Shiva Mantra)

कुशाग्रबुद्धि पाने के लिए शिव मंत्र 

In Hindi:-

याते रुद्रशिवातनूरघोरा पापकाशिनी |
तयानस्तन्नवाशन्त मयागिरी शंताभिचाकशीहि ||

August 22, 2012

Significance Of God Worship & Satsang

सत्संग और प्रार्थना की महिमा तथा महत्व 

In Hindi:-
बिनु सत्संग विवेक न होई |
राम कृपा बिनु सुलभ न सोई ||

Mantra to Fulfill Desires and Wishes

मनोकामना पूर्ण करने हेतु मंत्र

आज इस धर्म और अधर्म के कल्पित संसार में कई लोग अभी भी भगवान को ही सर्वशक्तिमान मानते है और मानना भी चाहिए क्योकि इस बात में किंचितमात्र भी संदेह नहीं है कि भगवान ही सर्वशक्तिमान है | तथा जो यह मानते है और कहते है कि भगवान नहीं है तो ऐसे मूर्ख और नाराधामी लोगों का जीवन पशु सामान है जो देख और महसूस तो कर पा रहे है पर उस शक्ति-स्वरूप परमात्मा का गुणगान नहीं कर पाते है, तथा इस कलियुग के मायाजाल में बुरी तरह से फंसकर अपना यह जीवन तो नष्ट कर ही रहे है साथ ही साथ परलोक को भी कष्टमय बना रहे है |

August 19, 2012

Mantras to Get Rid from Trouble and Embarrassment

दुःख और शोक निवारण के लिए 

In Hindi:-
सुनहि बिनय मम बिटप असोका |
सत्य नाम करु हरु मम सोका ||

The True Fact of Universe

कर्मों के आधार पर परिणाम 

Universe
इस चराचर जगत का अटल सत्य यह है कि यहाँ पर प्राणीमात्र को जो कुछ भी मिलता है, यथा करने, रहने और खाने आदि का बंटवारा कर्मों के आधार पर होता है | प्राणी जैसा कर्म करते है वैसा ही उनको फल प्राप्त हो जाता है, इसमें कोई संदेह नहीं है |

अत: कर्मों का परिणाम कैसे प्राप्त होते है और कर्म किस तरह से प्राणी का हित और अहित कर सकते है, रामचरितमानस में इस सन्दर्भ में एक चौपाई इस प्रकार है :-

Mantra to Getting True Devotion of God

भगवान की भक्ति प्राप्त करने हेतु मंत्र

This mantra’s from kishkindha kand of Ramcharitmanas and by chanting this mantra, you will getting success everywhere in life.

In Hindi:-

अब प्रभु कृपा करहूँ एहिं भांती |
सब तजि भजन करहूँ दिन राती ||

August 17, 2012

Methods of Sankalp (Resolve) For Worship

पूजा-पाठ करने से पहले संकल्प करने की विधि

 किसी भी पूजा पाठ, अनुष्ठान या जाप करने से पहले संकल्प करना अति आवश्यक होता है, और बिना संकल्प के शास्त्रों में पूजा अधूरी मानी गयी है | अत: आज मैं इस विषय पर चर्चा कर रहा हूँ कि, वैष्णव संध्या में संकल्प कैसे लिया जाता है |          

August 15, 2012

Mantra To Destroy Crisis & Difficulties

संकट की स्थिति में निवारण हेतु

Lord Hanuman
हनुमान जी को संकट या विपदा में सर्वप्रथम याद किया जाता है, क्योकि इन्हीं कि कृपा से संकट पल भर में दूर हो सकता है, ऐसा तुलसीदास जी ने कहा था कि :-

संकट ते हनुमान छुडावे |
मन क्रम वचन ध्यान जो लावे | |

और 

संकट कटे मिटे सब पीरा |
जो सुमिरे हनुमत बलबीरा ||

अत: संकट के समय हनुमान जी का श्रृद्धा सहित ध्यान कर इन मन्त्रों का जाप करने से सभी प्रकार कि बाधाओं का निराकरण होता है |

मंत्र इस प्रकार से है :-

Mantras For Good Wishes & happiness

मंगल कामना हेतु मंत्र

In Hindi:-

मंगल भवन अमंगल हारी | द्रवउँ सो दशरथ अजिर बिहारी ||1||

मंगल भवन अमंगल हारी | उमा सहित जय जपत पुरारी ||2||

Mantra to Get Again Your Lost Things

खोई हुयी वस्तु पुनः प्राप्त करने के लिए मंत्र

Lord Ram
रामचरितमानस के इस मंत्र से खोई हुयी चीज या प्रिय वस्तु श्री राम प्रभु की कृपा से शीघ्र ही मिल जाती है अत: जिन व्यक्तियों के किसी भी वस्तु या प्रियजनों का पता नहीं लग पा रहा हो उन्हें इस मंत्र का प्रयोग अवश्य कारण चाहिए | तथा श्री राम में श्रृद्धा और भक्तिभाव रखते हुए इस परम सिद्ध मंत्र का कम से कम 108 बार जाप अवश्य करे | जिससे कि श्री राम जी कि कृपा हो तथा आपकी खोई हुयी वस्तु आपको प्राप्त हो | इस मंत्र जाप प्रात: और संध्याकाल में तब तक करे जब तक आपकी खोई हुयी वस्तु मिल नहीं जाती |

Mantra to Get Rid of All Problems

विविध रोगों तथा बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए

In Hindi:-

दैहिक दैविक भौतिक तापा |
राम राज नहिं काहुहि ब्यापा ||

August 14, 2012

Mantra to Visitation Of God

भगवान के दर्शन प्राप्त करने के लिए

In Hindi:-

भक्त बछल प्रभु कृपानिधाना |
बिस्वबास प्रकटे भगवाना ||

August 13, 2012

Hanuman Mantra & Hanuman Stuti

हनुमान जी की स्तुति व आराधना करने के लिए

In Hindi:-

श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरि सुधार |
बरनऊ रघुवर बिमल जसु, जो दायक फलि चार ||1||

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरो पवनकुमार |
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु क्लेश विकार ||2||

प्रनवऊ पवन कुमार खल बल पावन ग्यानघन |
जासु ह्रदय आगार बसहिं राम सर चाप धर ||3||

महावीर विनवऊ हनुमाना | राम जासु जस आप बखाना ||4|| 

In English:-

Shri Guru Charan Saroj Raj, Nij Man Mukuri Sudhari |
Baranau Raghuvar Bimal Jasu, Jo Dayak Falu Chari ||1||

Biddhiheen Tanu Janike, Sumirou Pavankumar |
Bal Buddhi Vidya Dehu Mohi, Harahu Klesh Vikar ||2||

Pranau Pavankumar Khal Bal Paavan Gyanghan |
Jasu Hriday Aagar Basahin Ram Sar Chap Dhar ||3||

Mahaveer Vinavau Hanumana | Ram Jasu Jas Aap Bakhana ||4||

हनुमान जी की स्तुति और पाठ करने के लिए इन मन्त्रों का उपयोग करना चाहिए | ये सभी मंत्र रामचरित मानस से लिए गए है और इनमे गोस्मामी तुलसीदास जी ने हनुमान जी की महिमा और शक्ति का गुणगान किया है |

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August 12, 2012

Mantra for Getting Mental Strength

Mantra To Getting Physical, Mental And Spiritual Strength 

शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करने हेतु प्रतिदिन सुबह और शाम को निम्न मंत्र का 21 बार जाप करना चाहिए और भगवान श्री कृष्ण का निरन्तर ध्यान करते रहना चाहिए |

यह षोडाक्षरी मंत्र कहलाता है और इस मंत्र का प्रभाव अद्भुत है | इस मंत्र से भगवान नारायण के दोनों रूपों श्री राम और कृष्ण की स्तुति होती है | इस मंत्र के जाप से साधक को मानसिक शांति मिलती है और क्लेशों से छुटकारा मिलता है |

Mantra For Pitra Dosh Nivaran & Pitra Shanti

पितृदोष और पितृशांति के लिए मंत्र :-


पितृदोष क्या है और कैसे होता है:- जब किसी भी व्यक्ति की कुंडली के नवम पर जब सूर्य और राहू की युति हो रही हो तो यह समझा जाता है कि उसके पितृ दोष योग बन रहा है | भारतीय संस्कृति में पुराणों और शास्त्रों के अनुसार सूर्य तथा राहू जिस भी भाव में बैठते है,  उस भाव के सभी फल नष्ट हो जाते है | यह योग व्यक्ति की कुण्डली में एक ऎसा दोष है जो सभी प्रकार के दु:खों को एक साथ देने की क्षमता रखता है, इस दोष को पितृ दोष के नाम से जाना जाता है |


व्यक्ति की कुन्डली का नवम् भाव अथवा घर धर्म का सूचक है तथा यह पिता का घर भी होता है | इसलिए अगर किसी की कुंडली में नवम् घर में ग्रहों कि स्थिति ठीक नहीं है अर्थात खराब ग्रहों से ग्रसित है तो इसका तात्पर्य है कि जातक के पूर्वजों की इच्छायें अधूरी रह गयीं थी अत: इस प्रकार का जातक हमेशा तनाव में रहता है एवं उसे मानसिक, शारीरिक तथा भौतिक समस्याओं और संकटों का सामना कारण पडता है |

August 10, 2012

Mantra for Away Disaster & Crisis

विपत्ति निवारण के लिए श्रीकृष्ण मंत्र

KRISHNA-RADHA
सभी प्रकार की आपदाओं और विपत्तियों के तारणहार भगवान श्री कृष्ण के इस संकट नाशक मंत्र के जाप करने से साधक को सभी तरह की परेशानियों से छुटकारा मिलता है और जीवन आनंदमय बन जाता है |

August 9, 2012

Significance Of Shri Krishna Janmashtami

पुराणों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का महात्म्य 

Yogeshwar Shree Krishna
भगवान श्रीकृष्ण, पापों को हरण करने वाले और मनमोहन छवि वाले श्यामसुन्दर का जन्मदिन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मन से मनाया जाता है | इस दिन पुरे विश्व के कृष्ण भक्त वर्त या उपवास रखते है |

Shree Krishna Janmashtami

श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव ( जन्माष्टमी महत्व)

Bal Swaroop Shri Krishna
श्री कृष्णजन्माष्टमी का पर्व इसलिए महत्वपूर्ण है क्योकि इसी दिन द्वापर युग में दुष्टों का विनाश करने और धर्म की पुनर्स्थापना करने के लिए भगवान कृष्ण का पृथ्वीलोक पर अवतरण हुआ था | और इस दिन भाद्रपद माह (कृष्ण पक्ष) की अष्टमी तिथि होने के कारण इस पावन अवसर को हम कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में जानने लगे | 

कृष्णजन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का जनमोत्स्व है। जन्माष्टमी भारत में हीं नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय तथा श्रीकृष्ण भक्त भी इसे पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं।

Krishna Mantra to Getting Full Success

विजय प्राप्ति के लिए कृष्ण मंत्र (श्लोक)

Krishna With Arjun
अगर आपको किसी भी क्षेत्र में विजय प्राप्त
करनी हो या जीवन में आने वाली विपरीत परिस्थितियों में आगे बढना हो तो श्रीमद्भगवद्गीता के इस श्लोक का जाप करना चाहिए |

In Hindi:-

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति: भारत: |
अभ्युत्थानम अधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम ||
(भगवद्गीता चतुर्थोध्याय श्लोक ७ )

August 8, 2012

Mantra for Getting Married Soon

शीघ्र विवाह हेतु कृष्ण मंत्र

Shri Krishna
ऐसे पुरुष जिनका विवाह नहीं हो रहा है या किसी बाधा के कारण विवाह में विलम्ब हो रहा है, तो उन्हें श्री कृष्ण के इस मंत्र का नित्य 108 बार जाप (जप) कारण चाहिए, जप करते समय श्री कृष्ण का ध्यान कारण चाहिए साथ ही आसान पर पूर्वाभिमुख होकर जप कारण श्रेष्ठ रहता है |

August 7, 2012

Sita (Janaki) Gayatri Mantra

सीता (जानकी) गायत्री मंत्र

In Hindi:-
ओम् जनकजायै   विद्मिहे रामप्रियायै  धीमहि |
तन्नो: सीता  प्रचोदयात ||


August 6, 2012

Devi (Brahmani) Gayatri Mantra

देवी (ब्रह्माणी) गायत्री मंत्र

In Hindi:-

ओम् ब्रह्मण्ये विद्मिहे महाशक्त्ये धीमहि |
तन्नो: देवी  प्रचोदयात ||

ओम् हीं श्री क्लीं नमः 
इति मूल मंत्र |

August 4, 2012

Goddess Durga Gayatri Mantra

दुर्गा (जगदम्बा) गायत्री मंत्र

In Hindi:-

ओम् कात्यान्ये च विद्मिहे कन्याकुमार्ये धीमहि |
तन्नो: देवी  प्रचोदयात ||1||

ओम् गिरिजायये  विद्मिहे शिवप्रियाये धीमहि |
तन्नो: दुर्गा  प्रचोदयात ||2||

Teej Fastival In India

Importance of Teej in India


पूर्ण भारतवर्ष में आज के दिन को तीज, हरियाली तीज और कजली तीज के रूप में मनाया जाता है, और यह त्योंहार मुख्यतः भारत और उसके आसपास के देशों में ही मनाया जाता है |

August 3, 2012

Ganesha Gayatri Mantra

गणेश गायत्री मंत्र

Lord Ganesha
In Hindi:-

ओम् तत्पुरुषाय विद्मिहे वक्रतुण्डाय धीमहि |
तन्नो: दन्ती प्रचोदयात ||

August 2, 2012

Brahma Gayatri Mantra

ब्रह्म गायत्री मंत्र

भगवान ब्रह्मा जगतपिता और परमपिता कहे जाते है क्योकि सारी सृष्टि के वे जनक कहे जाते है और उनको प्रजापति ब्रह्मा के नाम से भी जाना जाता है | जगत में पूजे जाने वाले तीनों देवो में इनको सर्वपूज्य माना जाता है और वयोवृद्ध होने के कारण सब देवों में पिता के रूप में पूजा जाता है अत: इसलिए इनको परमपिता भी कहा जाता है | भगवान ब्रह्मा को चार मुख होने के कारण चतुर्मुख ब्रह्म के नाम से भी जाना जाता है |

Lord Brahma

August 1, 2012

Importance of Raksha Bandhan In India

रक्षा बंधन का भारतीय संस्कृति में महत्व
  रक्षाबंधन – नाम से ही स्मरण हो आता है कि रक्षा हेतु बंधन और इस नाम का जिक्र करते ही याद आ जाता है श्रावण मास कि पूर्णिमा का शुभ अवसर जब बहने अपने भाई को चन्दनादि, और कुंकुम का टिका लगाकर आरती करती हुयी राखी का धागा बंधती है और वचन लेती है कि भैया आप मेरी रक्षा करने के लिए तैयार रहेंगे | और इसी रक्षाबंधन से जुडी है कई भारतीय पौराणिक कथाये, जो कि प्रत्येक भारतीय या तो बचपन में सुना करते थे या पढ़ा करते थे, इस नाम के मष्तिष्क में आते ही एकाएक ही इनका चित्रण दिमाग में घूम जाया करता है |

Lord Vishnu Gayatri Mantra

भगवान विष्णु गायत्री मंत्र

Lord Narayana
In Hindi:-
ओम् श्रीविष्णवे च विद्मिहे वासुदेवाय धीमहि |
तन्नो: विष्णोः प्रचोदयात ||1||

July 31, 2012

Shri Ram Gayatri Mantra & Ram Mantra

श्रीराम गायत्री मंत्र 

ओम् दशरथये विद्मिहे सीता वल्लभाय धीमहि |
तन्नो: राम: प्रचोदयात ||

श्रीराम मूल मंत्र 

ओम् ह्रीं ह्रीं रां रामाय नमः  
इति राम मूल मंत्र |

July 28, 2012

Krishna Gayatri Mantra

कृष्ण गायत्री मंत्र

गायत्री मन्त्रों का सभी प्रकार के मन्त्रों में अहम स्थान है | इसी तरह २४ गायत्री में से कृष्ण गायत्री मंत्र भी श्री कृष्ण भगवान की स्तुति और आराधना हेतु प्रयुक्त किया जाता है | कृष्ण गायत्री मंत्र का प्रत्येक यज्ञ या शुभ कर्मों पर आहुति देने से सर्वत्र शांति और सुख बना रहता है |

July 26, 2012

Hanuman Gayatri Mantra

हनुमान गायत्री मंत्र

Bajarang Bali Hanuman
हनुमान गायत्री महिमा

गायत्री मंत्र को जाप करने वाले और सात्विक मन्त्रों में श्रेष्ठ माना गया है | और माता भगवती कि कृपानुसार गायत्री मंत्र को विभिन्न वर्गों में भिभाजित किया गया है तथा यज्ञ और हवन में इन मंत्रो की आहुति को अत्यधिक महत्व दिया जाता है और शुभ माना जाता है | 

किसी भी यज्ञ या हवन के शुरुआत में सभी गायत्री मंत्रो की आहुति को अति उत्तम माना जाता है |

गायत्री के मंत्रो को कई देवताओं के श्रेणी में रखते हुए हर देव का गायत्री मंत्र और मूल मंत्र बनाया गया है जो अति प्रभावशाली है |
नीचे दिया हुआ मंत्र हनुमान गायत्री मंत्र कहलाता है,  इस मंत्र के जाप से हनुमान जी प्रसन्न होते है और भक्तों की उन पर कृपा होती है | मंत्र निम्न प्रकार से है:- 

July 25, 2012

Lord Shiva Gayatri Mantra

शिव गायत्री मंत्र

In Hindi:-
ओम् महादेवाय विद्मिहे रुद्रमुर्तये धीमहि |
तन्नो: शिव: प्रचोदयात ||

July 24, 2012

Lakshmi Mantra For Become Rich & Wealthy

लक्ष्मी गायत्री मंत्र

Mahalakshmi Mata
In Hindi:-


ओम् महादैव्ये विद्मिहे विष्णुपत्न्ये च धीमहि |
तन्नो: लक्ष्मी: प्रचोदयात ||

In English:-

Ohm Mahadaivye Vidmahe Vishnupatnye Cha Dhimahi |
Tanno: Lakshmi: Prachodayat ||

July 23, 2012

Mantra To Top In Exam

सरस्वती गायत्री मंत्र
 
Goddess Saraswati
In Hindi:-

ओम् एं वाग्दैव्ये क विद्मिहे कामराजाय धीमहि |
तन्नो: देवी प्रचोदयात ||

July 20, 2012

How To Get Job Quickly From Mantra

शीघ्रता से रोजगार प्राप्त करने का मंत्र
                                                                           
श्रीमद्भगवतगीता के दिव्य श्लोकों के अनुष्ठान से अद्भुत लाभ:-

विश्व का कोन ऐसा व्यक्ति है जो श्रीमद्भगवतगीता की अलौकिक दिव्य महिमा से अपरिचित हो | अखिल ब्रह्मांडाधिपिती सर्वनियन्ता सर्वेश्वर भगवान श्री कृष्ण स्वयं जिसका उपदेश करते हों | गीता के दिव्य श्लोको की दिव्य शक्ति उसमे समाहित है | किन्तु जगत के अधिकांश अर्थार्थी भक्तो का आधिक्य है | जो इस लोक में धन ऐश्वर्य प्राप्त करना चाहते है उनको गीता के इस श्लोक की उपासना करनी चाहिए | जिनके करने पर त्रिविध तापों व श्री, ओज, ऐश्वर्य आदि सुलभता से प्राप्त होते है |

July 19, 2012

Navagraha Gayatri Mantras

नवग्रह शांति निमित्त सिद्ध गायत्री मंत्र

Siddh Mantra To Overcome The Effects of Navagraha

Navagraha 
In the hindu methodology all the navagraha have relative movement with respect to the background of fixed stars in the zodiac. This includes the planets: Mars, Mercury, Jupiter, Venus, and Saturn, the Sun, the Moon, as well as positions in the sky, Rahu (north or ascending lunar node) and Ketu (south or descending lunar node).

Traditional Hindu astrologers castes in India are known to be major experts of Navagraha, many people would approach a hindu astrologer when they have problems and ask them on how to overcome them by performing certain rituals which involve worship of Navagraha to overcome ill effects.

July 17, 2012

Incarnation Of God And Philosophy Of Lord Avatar

भगवान का अवतार (अवतरण) कब और क्यों होता है ?

Avatars of  God
भगवान का अवतार कब और क्यों होता है, इस तथ्य को जानने के लिए सबसे पहले ये जानना अतिआवश्यक है की अवतार क्या है ?


अवतार:- भगवान समय-समय पर पृथ्वी पर अवतरित होते है, और पृथ्वी पर भगवान का मानव रूप में अवतरित होना ही अवतार कहलाता है, हमारे वेदों व शास्त्रों में अवतार होने के कई व्याख्यान देखने को मिलते है, कई बार भगवान को भी विधि का विधान भोगने के लिए पृथ्वी (मृत्युलोक) पर अवतरित होना पडता है, अंतत: भगवान का मृत्युलोक में अवतरण ही अवतार कहलाता है |

July 15, 2012

Mantra for Getting child

!! सन्तान प्राप्ति हेतु सफल सिद्ध मंत्र !!

Shree Govinday Namah 
In Hindi:- 

देवकी सुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते |
देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं समुपाश्रितः||

July 13, 2012

Mantra for Shiva Puja

!! भगवान शिव की आराधना !!

In Hindi:-

ओम् त्रयम्बकं यजामहे, सुगन्धिम्पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनात, मृत्युर्मुक्षीय मामृतात ||

July 12, 2012

Vedant Dashashloki (Nimbark Aaradhana)

सुदर्शनचक्रावतार आद्याचार्य जगदगुरु श्रीभगवन निम्बार्काचार्य प्रणीत


!! वेदान्तदशश्लोकी !!

    COMPOSED BY SHRI SUDARSHAN CHAKRAVATAR SHRI NIMBARKACHARYA

ज्ञानस्वरूपञ्च हरेरधीनं शरीरसंयोगवियोगयोग्यम् |
अणुम् हि जीवं प्रतिदेहभिन्नं ज्ञातृत्ववन्तं यदनन्तमाहु: ||१||

आनादिमायापरियुक्तरूपं त्वेनं विदुर्वै भगवत्प्रसादात् |
मुक्तन्च बद्धं किल बद्धमुक्तं प्रभेदबाहुल्यमथापि बोध्यम् ||२||

July 10, 2012

Tulsi Charnamrit Mantra

तुलसी चरणामृत लेते समय बोले जाने  वाला मंत्र


 अकालमृत्युहरणं सर्वव्याधिविनाशानम् |
 विष्णुपादोदकं पीत्वा पुनर्जन्म न विद्यते ||

अर्थात:- अकालमृत्युहरणं इस पद से तुलसी सेवन करने वालों को दीर्घायु की प्राप्ति होती है, और सर्वव्याधिविनाशानम् इस पद से संपूर्ण रोगों और व्याधियो का नाश हो जाता है, तथा पुनर्जन्म न विद्यते इस पद से मोक्ष की प्राप्ति होती है |

अत: तुलसी आध्यात्मिक, आधिदैविक और आधिभौतिक तीनों तरह के तापों को मूल रूप से उपशमन कने में तुलसी का विशेष योगदान है | तभी तो हमारे यहाँ प्रतिदिन मंदिरों आदि में तुलसी दल मिश्रित भगवान श्रीहरि का चरणामृत लेते समय इस मंत्र का स्मरण किया जाता है |

July 9, 2012

Tulsi Pooja & Stuti Mantras ( तुलसी मंत्र )

ब्रह्मवैवर्तपुराण, स्कन्दपुराण आदि पुराणों में तुलसी सभी पापों का नाश करने वाली व भगवान विष्णु की प्रियतमा बताया गया है, और इसके गुणों को देखते हुए ही हमारे पूर्वजो ने इससे पूर्ण सम्बन्ध बनाये रखने के लिए तुलसी का पौधा लगाना, जल चढाना, परिक्रमा लगाना आदि नियम बनाये थे और कुछ दैनिक उपयोग में आने वाले मंत्र भी स्थपित किये गए |

तुलसी नमस्कार मंत्र

 वृन्दायै तुलसीदेव्यै प्रियायै केशवस्य च |
विष्णुभक्तिप्रदे देव्यै सत्यवत्यै नमो नमः ||

तुलसी स्नान मन्त्र

गोविन्दवल्ल्भां देवीं भक्तचैतन्यकारिणीम् |
स्नापयामि जगद्धात्रीं विष्णुभक्तिप्रदायिनीम् ||

तुलसी उतारने का मन्त्र

 तुलस्यमृतजन्मासि सदा त्वं केशवप्रिया |
 केशवार्थं चिनोमि त्वां वरदा भव शोभने ||

ठाकुरजी को तुलसी चढाने का मंत्र

 तुलसीं हेमारूपां च रत्नरूपां च मंजरीम् |
 राधासर्वेश्वरायैतामर्पयामि हरिप्रियाम ||

July 8, 2012

Tulsi Mahatmya ( How useful The Ocimum tenuiflorum )

तुलसी महात्म्य ( तुलसी महत्व धार्मिक दृष्टि से )

Tulsi
तुलसी भगवान की एक अद्भुद देन है और तुलसी धार्मिक एवं आयुर्वेद दोनों ही दृष्टियों से महत्वपूर्ण है | मंदिरों आदि में तो भगवान श्रीहरि के पूजन की वस्तुओ में तुलसी का विशेष स्थान है, और तो और तुलसी के बिना भगवान अपनी पूजा अर्चना व भोग और नैवेद्य भी स्वीकार नहीं करते |

 शिला ताम्रं तथा तोयं शंखः पुरुषसूक्तकम् | 
गन्धं घंटा तथा तुलसीत्यष्टाङ्गं तीर्थमुच्यते || 

उपर्युक्त हलायुद्ध ग्रन्थ के प्रमाणानुसार देवतीर्थ के आठ पदार्थों में तुलसी का होना परम आवश्यक है | बिना तुलसी के देवतीर्थ भी अपूर्ण है |

June 27, 2012

Morning Mantras (Morning prayer Mantras)

!! करदर्शनम !!

प्रात: काल उठकर बिस्तर पर बैठकर अपने दोनों हाथों का अवलोकन इस श्लोक को बोलकर करना चाहिए !
  
In Hindi:-
 कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती ! 
 करमूले तू गोविन्द: (ब्रह्मा:) प्रभाते कर दर्शनम !!

June 26, 2012

Shree Krishna Mantra

!! जगदगुरु श्री कृष्ण की वंदना !!

वेदों और पुराणों में भगवान श्री कृष्ण को जगदगुरु भी कहा जाता है | श्री कृष्ण को प्रसन्न करने हेतु इस मंत्र का जाप किया जाता है |

इस मंत्र के जाप से साधक को सभी प्रकार की विपदाओं और संकट से मुक्ति मिलती है और साथ ही साथ शारीरिक और मानसिक शांति भी प्राप्त होती है |

June 25, 2012

Mantra For Sun Salutations And Worship

सूर्य नमस्कार और स्तुति

वेदों और पुरानों में सूर्य देव को चराचर सृष्टि की आत्मा कहा गया है, समस्त ब्रह्माण्ड की आत्मा सूर्य ही है, पुराणों में सूर्यदेव को आदित्य, दिवाकर, भास्कर और तेजोमय आदि से भी संबोधित किया गया है | सूर्य देव की अनुपम कृपा से ही इस पृथ्वी पर जीवन है, और सृष्टि के तेज और प्रकाश को बनाये रखने में इनकी कृपा जगतविदित है | 

अत: प्रातकाल सूर्यदेव को नमस्कार कारण  चाहिए और आरोग्यमय जीवन देने हेतु प्रार्थना करनी चाहिए |

June 17, 2012

How to get Peace and Happiness in Life

!! विवेक चतुष्टय !!

नास्ति विद्या सम चाशुर्नास्ती सत्य समं तप: |
नास्ति राग समं दुह्खं नास्ति त्याग समं सुखम ||

इस निखिल विश्व में विद्या के समान दिव्य नेत्र नहीं है ,सत्य के समान किसी प्रकार का तप नही है क्रोध के समान कोई दुःख नही है और नही है त्याग के समान कोई परम सुख |

June 2, 2012

Govind Damodar Strotram

Govind damodar stotra is the divine and devotional hymn of lord Krishna. It is singing by Krishna devotees and it is also called as balmukund astakam. You can chant this stotra to get a peaceful and happiness life.

May 31, 2012

How to Accomplishment of mantra (Mantra Siddhi)

किसी भी मंत्र को सिद्ध करने के लिए नीचे दिए गए नियम व् सामग्री की आवश्यकता होती है, इसके बिना सिद्धिकरण अधूरा माना जाता है, इसलिए कृपया मंत्र को सिद्ध करने से पहले इन नियमों का पालन जरूर करना चाहिए |

May 11, 2012

Definition of Karma [प्रारब्ध क्या है ?]

प्रारब्ध क्या है ?

मनुष्य जो भी कुछ कर्म करता है- “चाहे वह मानसिक हो या शारीरिक” यदि वह शुद्ध मन से किसी आसक्ति के बिना उदासीन भाव से किया गया है तो उसका अन्तकरण पर कोई संस्कार नही पड़ता; क्योकि वह क्रिया रागद्वेषरहित सदारण भाव से कि हुई है, विशेष भाव से नही |

April 1, 2012

Lord Rama Gloria and Magnitude of Navaratra

राम भजन सुखदाई


आज इस कलियुग के घोर अंधकारमय जीवन में राम नाम ही एकमात्र सहारा है ! इस संसार के सारे लौकिक और अलौकिक फल सहज ही देने की क्षमता जितनी श्रीराम और उनके दो अक्षर के पावन राम” नाम में है, उतनी संभवतया ही किसी अन्य साधन सिद्धि में होगी, यह राम नाम का ही चमत्कार है कि जिसे शास्त्र ज्ञान या पूजा पद्धति कि जानकारी नही हो वह भी राम नाम के जप से बड़ी से बड़ी विपत्तियों से दूर जाकर असीम सुख पा लेता है |

January 16, 2012

Mantra for Love and Devotion

 प्रेम बढाने के लिये 

Lord Ram With Sita
In Hindi:-
            
सब नर करहिं परस्पर प्रीती। 
चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती॥

Universal Truth & What's Karma ?

Karma and effects of karma

हमारे शास्त्रों और पुरानों में कर्म का बड़ा महत्व है, यथा मनुष्य और सभी जीवों के लिए कर्म का एक सामान महत्व है | इसके अनुसार प्राणी अपने जीवनकाल में जो कुछ भी करते है वह कर्म के अंतर्गत आता है, चाहे वह अच्छा कार्य और या बुरा सभी को कर्म में सम्मिलित किया जाता है | तथा इसी कर्म के अनुसार प्राणियों को सुख और दुखों का भोग कारण पडता है |

How to Get Success In Life

मानव जीवन की सफलता के संदर्भ में महाकवि तुलसीदास जी ने  श्री रामचरितमानस में लिखा है कि:-

चौपाई(1):-
बड़े   भाग्य  मानस  तनु  पावा |
 सुर  दुर्लभ  सद  ग्रन्थन गावा ||

January 4, 2012

Mantra for Improving Memory (How to make your brain sharper & strong?)

मष्तिष्क को शक्तिशाली बनाने का उपाय

मानव का मन महान शक्तियों का बहुत बड़ा भंडार है ( Dynamo of Creative Energy) | एक से बढकर एक शक्तिया इसमें निवास करती है | छोटे, बड़े, विद्वान और मुर्ख सभी को बीज रूप में परमात्मा ने यह शक्तिया दी है | जो मानव इनको जाग्रत करके इनका उपयोग करते है वो महामानव बनते है | अगर मूर्ख से मूर्ख व्यक्ति भी इनको जाग्रत करे तो वो भी बुद्धिमान बन जाता है | इनको जाग्रत करके बड़े चमत्कार किये जा सकते है | असंभव दिखने वाले कार्यों को भी सहजता से किया जा सकता है | मानसिक शक्तियों का प्रदर्शन परिपुष्ट मष्तिष्क द्वारा ही किया जा सकता है | उत्तम मष्तिस्क द्वारा ही मन अपने अदभुद सामर्थ्य का प्रदर्शन कर सकता है |