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Last Updated: October 19, 2014

Mantras From Bhagavad-gita

Bhagavad Gita is a 700-verse Hindu scripture epic, which is part of Hindu epic Mahabharata. This is based on discussion between lord Krishna and Arjuna at battlefield.

Last Updated: September 14, 2012

Mantra for Freedom From Phantom Spirits and Peace

गृह शांति और मृत अथवा प्रेत आत्माओं से मुक्ति के लिए 

गृह शांति और प्रेतात्माओं से मुक्ति केवल प्रभु (परमात्मा) कि कृपा से ही संभव है, क्योकि वह परमपिता परमेश्वर है और सब कुछ जो भी घटित हो रहा होता है या होने वाला होता है वह प्रभु कि ही लीला है | अत: इस परेशानी का हल भी प्रभु के पास ही होता है | 

Last Updated: September 9, 2012

Mantras for Happiness (What's Happiness?)

सुख की अनुभूति और सुख का अनुभव

आज मैं जिस शब्द या जिस प्रसंग पर चर्चा कर रहा हूँ वह आज की परम आवश्यकता है, क्योकि आजकल के इस द्रुतगामी युग में प्रत्येक प्राणी सुख की भिन्न-भिन्न परिभाषाओं में अपना जीवन जी रहे है | और आश्चर्य की बात यह है कि किसी को भी असली सुख की अनुभूति ही नहीं होती है | क्यों ?

इस क्यों का उत्तर यह है कि किसी को यह ज्ञान नहीं है कि असली सुख क्या है, कोई पैसों को सुखा समझता है तो कोई परिवार को, और कई लोगों ने तो सुख कि परिभाषा ही बदल दी | मनुष्यों ने धन-दौलत, गाडी-बंगला, और सांसारिक भोगों को भोगना ही सुख मान लिया | परन्तु इन सब के बावजूद भी प्राणी सुखी नहीं है क्यों ?
क्योकि मनुष्य को सुख का अर्थ ही समझ में नहीं आता है |

Last Updated: August 14, 2012

Mantra to Visitation Of God

भगवान के दर्शन प्राप्त करने के लिए

In Hindi:-

भक्त बछल प्रभु कृपानिधाना |
बिस्वबास प्रकटे भगवाना ||

Last Updated: August 9, 2012

Krishna Mantra to Getting Full Success

विजय प्राप्ति के लिए कृष्ण मंत्र (श्लोक)

Krishna With Arjun
अगर आपको किसी भी क्षेत्र में विजय प्राप्त
करनी हो या जीवन में आने वाली विपरीत परिस्थितियों में आगे बढना हो तो श्रीमद्भगवद्गीता के इस श्लोक का जाप करना चाहिए |

In Hindi:-

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति: भारत: |
अभ्युत्थानम अधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम ||
(भगवद्गीता चतुर्थोध्याय श्लोक ७ )

Last Updated: July 20, 2012

How To Get Job Quickly From Mantra

शीघ्रता से रोजगार प्राप्त करने का मंत्र
                                                                           
श्रीमद्भगवतगीता के दिव्य श्लोकों के अनुष्ठान से अद्भुत लाभ:-

विश्व का कोन ऐसा व्यक्ति है जो श्रीमद्भगवतगीता की अलौकिक दिव्य महिमा से अपरिचित हो | अखिल ब्रह्मांडाधिपिती सर्वनियन्ता सर्वेश्वर भगवान श्री कृष्ण स्वयं जिसका उपदेश करते हों | गीता के दिव्य श्लोको की दिव्य शक्ति उसमे समाहित है | किन्तु जगत के अधिकांश अर्थार्थी भक्तो का आधिक्य है | जो इस लोक में धन ऐश्वर्य प्राप्त करना चाहते है उनको गीता के इस श्लोक की उपासना करनी चाहिए | जिनके करने पर त्रिविध तापों व श्री, ओज, ऐश्वर्य आदि सुलभता से प्राप्त होते है |

Last Updated: July 17, 2012

Incarnation Of God And Philosophy Of Lord Avatar

भगवान का अवतार (अवतरण) कब और क्यों होता है ?

Avatars of  God
भगवान का अवतार कब और क्यों होता है, इस तथ्य को जानने के लिए सबसे पहले ये जानना अतिआवश्यक है की अवतार क्या है ?


अवतार:- भगवान समय-समय पर पृथ्वी पर अवतरित होते है, और पृथ्वी पर भगवान का मानव रूप में अवतरित होना ही अवतार कहलाता है, हमारे वेदों व शास्त्रों में अवतार होने के कई व्याख्यान देखने को मिलते है, कई बार भगवान को भी विधि का विधान भोगने के लिए पृथ्वी (मृत्युलोक) पर अवतरित होना पडता है, अंतत: भगवान का मृत्युलोक में अवतरण ही अवतार कहलाता है |

Last Updated: June 17, 2012

How to get Peace and Happiness in Life

!! विवेक चतुष्टय !!

नास्ति विद्या सम चाशुर्नास्ती सत्य समं तप: |
नास्ति राग समं दुह्खं नास्ति त्याग समं सुखम ||

इस निखिल विश्व में विद्या के समान दिव्य नेत्र नहीं है ,सत्य के समान किसी प्रकार का तप नही है क्रोध के समान कोई दुःख नही है और नही है त्याग के समान कोई परम सुख |

Last Updated: January 16, 2012

Universal Truth & What's Karma ?

Karma and effects of karma

हमारे शास्त्रों और पुरानों में कर्म का बड़ा महत्व है, यथा मनुष्य और सभी जीवों के लिए कर्म का एक सामान महत्व है | इसके अनुसार प्राणी अपने जीवनकाल में जो कुछ भी करते है वह कर्म के अंतर्गत आता है, चाहे वह अच्छा कार्य और या बुरा सभी को कर्म में सम्मिलित किया जाता है | तथा इसी कर्म के अनुसार प्राणियों को सुख और दुखों का भोग कारण पडता है |