!! करदर्शनम !!
प्रात: काल उठकर बिस्तर पर बैठकर अपने दोनों हाथों का अवलोकन इस श्लोक को बोलकर करना चाहिए !
कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती !
करमूले तू गोविन्द: (ब्रह्मा:) प्रभाते कर दर्शनम !!
In English:-Kragre Vasate Lakshmi Karmadhye Saraswati |
Karmule Tu Govind: (Brahma) Prabhate Kar Darshnam ||
भावार्थ:- हाथ के अगले भाग में लक्ष्मी, मध्य भाग में सरस्वती और मूल भाग में गोविन्द बसते है,इसलिए प्रात: काल उठते ही हाथों का दर्शन करना चाहिए ! ओर साथ ही अपने इष्ट देव का स्मरण करना चाहिए !
!! पृथ्वीमाता की वंदना और क्षमायाचना !!
बिस्तर से जमीन पर पैर रखने से पहले इस श्लोक को बोलकर फिर पैर रखना चाहिए !
In Hindi:-
समुद्रवसने देवी ! पर्वतस्तनमण्डले !
विष्णुपत्नी ! नमस्तुभ्यम पादस्पर्शम क्षमस्व में !!
In English:-
Samudravasane Devi | Paravatstanmandale |
Vishnupatni | Namstubhyam Padsparsham Kshamasva Me ||
भावार्थ:- समुद्ररूपी वस्त्रोवाली, पर्वतरूपी स्तनवाली और विष्णु भगवान की पत्नी हे पृथ्वी देवी ! तुम्हे नमस्कार करता हूँ ! तुम्हे मेरे पैरों का स्पर्श होता है इसलिए क्षमायाचना करता हूँ !
!! गुरु को नमस्कार !!
इन श्लोकों को बोलने के बाद अंत में अपने गुरुदेव का स्मरण करते हुए इस मंत्र को बोलना चाहिए |
In Hindi:-
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु: गुरुर्देवो महेश्वर: !
गुरु: साक्षात्परम ब्रह्मा तस्मै श्रीगुरवे नम: !!
In English:-
GururBrahma GururVishnu: GururDevo Maheshvar: |
Guru: Sakshatparam Brahma Tasmai Shriguruve Namah: ||
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