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Last Updated: September 27, 2012
Last Updated: July 10, 2012
Tulsi Charnamrit Mantra
तुलसी चरणामृत लेते समय बोले जाने वाला मंत्र
अकालमृत्युहरणं सर्वव्याधिविनाशानम् |
विष्णुपादोदकं पीत्वा पुनर्जन्म न विद्यते ||
अर्थात:- अकालमृत्युहरणं इस पद से तुलसी सेवन करने वालों को दीर्घायु की प्राप्ति होती है, और सर्वव्याधिविनाशानम् इस पद से संपूर्ण रोगों और व्याधियो का नाश हो जाता है, तथा पुनर्जन्म न विद्यते इस पद से मोक्ष की प्राप्ति होती है |
अत: तुलसी आध्यात्मिक, आधिदैविक और आधिभौतिक तीनों तरह के तापों को मूल रूप से उपशमन कने में तुलसी का विशेष योगदान है | तभी तो हमारे यहाँ प्रतिदिन मंदिरों आदि में तुलसी दल मिश्रित भगवान श्रीहरि का चरणामृत लेते समय इस मंत्र का स्मरण किया जाता है |
Last Updated: July 9, 2012
Tulsi Pooja & Stuti Mantras ( तुलसी मंत्र )
ब्रह्मवैवर्तपुराण, स्कन्दपुराण आदि पुराणों में तुलसी सभी पापों का नाश करने वाली व भगवान विष्णु की प्रियतमा बताया गया है, और इसके गुणों को देखते हुए ही हमारे पूर्वजो ने इससे पूर्ण सम्बन्ध बनाये रखने के लिए तुलसी का पौधा लगाना, जल चढाना, परिक्रमा लगाना आदि नियम बनाये थे और कुछ दैनिक उपयोग में आने वाले मंत्र भी स्थपित किये गए |
तुलसी नमस्कार मंत्र
वृन्दायै तुलसीदेव्यै प्रियायै केशवस्य च |
विष्णुभक्तिप्रदे देव्यै सत्यवत्यै नमो नमः ||
तुलसी स्नान मन्त्र
गोविन्दवल्ल्भां देवीं भक्तचैतन्यकारिणीम् |
स्नापयामि जगद्धात्रीं विष्णुभक्तिप्रदायिनीम् ||
तुलसी उतारने का मन्त्र
तुलस्यमृतजन्मासि सदा त्वं केशवप्रिया |
केशवार्थं चिनोमि त्वां वरदा भव शोभने ||
ठाकुरजी को तुलसी चढाने का मंत्र
तुलसीं हेमारूपां च रत्नरूपां च मंजरीम् |
राधासर्वेश्वरायैतामर्पयामि हरिप्रियाम ||
Last Updated: July 8, 2012
Tulsi Mahatmya ( How useful The Ocimum tenuiflorum )
तुलसी महात्म्य ( तुलसी महत्व धार्मिक दृष्टि से )
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Tulsi |
शिला ताम्रं तथा तोयं शंखः पुरुषसूक्तकम् |
गन्धं घंटा तथा तुलसीत्यष्टाङ्गं तीर्थमुच्यते ||
उपर्युक्त हलायुद्ध ग्रन्थ के प्रमाणानुसार देवतीर्थ के आठ पदार्थों में तुलसी का होना परम आवश्यक है | बिना तुलसी के देवतीर्थ भी अपूर्ण है |
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