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Last Updated: December 28, 2012

Aasan Shuddhi Mantra or Purification Of Worship Seat

आसन शुद्धि मंत्र 

किसी भी तरह की पूजा स्तुति और शुभारंभ से पहले जिस आसन पर आप विराजमान होना चाहते है उस पर बैठने से पहले नीचे दिए गए इस मंत्र से आसन को शुद्ध का लेना चाहिए | तथा पूजन करने के लिए आसन का शुद्ध होना अति आवश्यक है |

आसन शुद्धि:- आसन अर्थात वह स्थान जहाँ से आप परमपिता परमेश्वर के आराधना करते है, अतएव आसन का शुद्ध होना अत्यंत आवश्यक है | पूजा करने के आसन को शास्त्रों में उच्च स्थान का दर्जा प्राप्त है क्योकि यही आसन परमेश्वर से मनुष्य के जुडाव का हेतु है | अत: इस सेतु अर्थात आसन की शुद्धि होना अति आवश्यक है |

Mantra To Sanctification (Pavitrikarana)

पवित्रीकरण (शुद्धि) मंत्र 

पवित्रीकरण का मंत्र सभी प्रकार कि पूजा, नित्य उपासना, संध्याकालीन स्तुति आदि में अति आवश्यक है और अशुद्धि से पूजा करना निषेध माना जाता है |

पवित्रीकरण:- पवित्रीकरण और शुद्धि का अर्थ स्वयं तथा वातावरण कि शुद्धि ही नहीं होता है, अपितु यह धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है | यथा जब आप कभी भी पूजा पाठ अथवा स्तुति करते है तो यह कल्पना करते है कि मंदिर (पूजा स्थान) स्वच्छ है और आप भी स्नानादि से निवृत होकर पाठ पूजन कर रहे और यही पवित्रीकरण है, यह उचित नहीं है |