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Last Updated: August 2, 2014

Gayatri Mantra And Gayatri Mahima

The Gayatri Mantra is a highly revered mantra of the goddess gayatri. It has been given by the Brahmarshi Viswamitra in Sanskrit; The Gayatri Mantra has been written in the Rig Veda (3.62.10).This is very holy and powerful mantra; the devotees chanting this mantra are always at morning and dusk. 

This mantra has taken from Rig Veda and credit goes to viswamitra; Vishwamitra was eminent sage in the Vedic period. He was a very majestic and stunning great man.

Last Updated: October 29, 2012

Gayatri Mantra Japa For Accomplish Purpose

विशेष उद्देश्य तथा प्रयोजन सिद्धि हेतु गायत्री मंत्र का जाप (सम्पुट विधि)
शास्त्रों में प्रत्येक मंत्र को अति प्रभावकारी और फलदायी माना गया है, तथा प्रत्येक मंत्र की कुछ सीमाएं और परिमाप होता है और उनके लिए साधक को पूर्ण सावधानी रखने की आवश्यकता होती है | परन्तु अगर हम विशेष प्रयोजन की बात करे तो मंत्र जाप तभी सार्थक होता है जब किसी विशेष कार्य हेतु सम्पुट लगाकर तथा इच्छित संकल्प के साथ जाप किया जाये | साधको और मंत्र जाप करने वालों के लिए सम्पुट मंत्र कोई नया शब्द नहीं है, और जो नहीं जानते उनको मैं बता देता हूँ की सम्पुट मंत्र वह होता है जो किसी मंत्र के बाद बोला जाता है और हर मंत्र की पुनरावृति के साथ ही इस मंत्र का जाप होता है | इसे सम्पुट मंत्र कहते है |

Last Updated: October 21, 2012

Benefits of Chanting Gayatri Mantra

गायत्री मंत्र के प्रयोग से लाभ तथा प्रभावकारी विधान

Gayatri Mantra
वैसे तो गायत्री मंत्र को महा मंत्र माना गया है, पर इसे बीज मंत्र भी कहा जाता है और इसके जाप और पूजन का एक अलग विधान होता है | गायत्री मंत्र का जाप करने वाले को उसके जीवनकाल में कभी भी विपत्तियों से सामना नहीं करना पडता है और उसकी सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण हो जाती है ऐसा शास्त्र कहते है | पर मैं उन्हीं शास्त्रोंनुसार कुछ फलदायी प्रयोग आपके सम्मुख प्रकट कर रहा हूँ |

Successful Gayatri Mantras for Happiness, Prosperity & Curing Diseases

अनिष्ट (कष्ट- विपत्ति- आपदा) निवारण हेतु गायत्री मंत्र का प्रयोग 

ग्रह शांति हेतु(Mantra for peace of the Planet):- ग्रह शांति के लिए दूध की लकड़ी से एक हजार (1000) गायत्री मंत्रो का जाप करके हवन करने से सभी तरह के ग्रहों कि शांति होती है | तथा दूध की लकड़ी के बजाय शमी कि लकड़ी हो तो उसे अति उत्तम माना गया है, इस प्रकार हवन तथा पाठ करने से आपके सभी प्रकार के भौतिक रोग और व्याधि नष्ट हो जाते है और साथ ही साथ सभी ग्रह भी भगवती गायत्री की कृपा से शांत हो जाते है |
Bhagawati Gayatri 

Last Updated: September 17, 2012

Praise, Meditation And Worship Of Gayatri Mantra

गायत्री महामंत्र की स्तुति, ध्यान तथा वंदना

ओम् भूर्भुव: स्वः तत्स वितुर्वरेर्ण्यं !
भर्गो देवस्य धीमहि धियो: योनः प्रचोदयात !!

हमारे वेदों, पुराणों और शास्त्रों में कई तरह के मन्त्र होते है,  और देवताओं की स्तुति के लिए अलग मंत्र होते है तथा ध्यान के लिए अलग तथा वंदना के अलग स्त्रोत्र होते है |

परन्तु जप करने लायक इस गायत्री मन्त्र  के लिए ऐसा विधान नहीं है, गायत्री मंत्र में जप, ध्यान, स्तुति और वंदना करने के लिए एक ही मंत्र का प्रयोग किया जाता है अर्थात गायत्री मन्त्र अपने आप में ही पूर्ण महामंत्र है और इस महामंत्र कि स्तुति, ध्यान और वंदना इस प्रकार है:-

स्तुति:-  "ओम् भूर्भुव: स्वः"

इस मंत्र छंद से उस परमात्मा कि स्तुति की जाती है जो तीनो लोकों में व्याप्त है अर्थात जो अपने प्रकाशमान रूप से इस चराचर जगत में स्थित है और अपने तेज से इन तीनो लोकों को प्रकाशित करते है |

ध्यान:-  "तत्स वितुर्वरेर्ण्यं भर्गो देवस्य धीमहि"


इस छंद में पाप का विनाश करने वाली माँ भगवती का शांत मन से चिंतन एवं ध्यान का वर्णन किया गया है |

प्रार्थना:- "धियो: योनः प्रचोदयात"

इस छंद से मंत्र कि शक्ति के द्वारा बुद्धि एवं विवेक को सही दिशा में ले जाने और मोक्ष प्राप्ति की कामना कि गयी है | इस प्रकार से मानव जीवन को सार्थक एवं सफल बनाने के लिए यह महामंत्र है और इस सिद्ध मंत्र का जाप निश्चित रूप से फलदायी होता है ऐसा मेरा मत है |

(श्री गायत्री नमः)

Gayatri Yantra And Mantra For Gayatri Pooja

श्री गायत्री यन्त्र

श्री गायत्री माँ को भगवती गायत्री भी कहा जाता है और उनके पूजन यन्त्र को गायत्री यन्त्र कहा जाता है |

Gayatri Yantra