Last Updated: December 16, 2014

Mantra for Success in Court Case

If you are troubling with any lawsuits or court case then try this powerful mantra of lord Hanuman. Lord hanuman is the monkey god; he is the 11TH Rudra Avatar of Lord Shiva.


Hanuman can do any task in the world with ease; he has the boundless power to do anything. If you worship of lord hanuman with full dedication and holy mind then there is no doubt to get rid from any problem with ease.

hanumant

Tulsidas ji (The Writer of RamCharit-Manas) has been given lovely description of lord hanuman.

Durgam Kaaj Jagat Ke Jete | 
Sugam Anugrah Tumhare Tete || 

Kawan So Kaaj Kathin Jag Maahi | 
Jo Nahi Hoi Tat Tumh Paai ||

Meaning - Any work is done very ease by your grace which is very hard for anyone in the world. And you can do anything (any tasks) when you think about that.

Therefore if anyone chanting these given mantra of lord hanuman, he will definitely get success in any false claims as well as court cases.

Mantra is as follows –

Pavan Tanay Bal Pavan Samanaa | 
Buddhi Bibek Bigyan Nidhanaa ||

पवन तनय बल पवन समाना | 
बुधि बिबेक बिग्यान निधाना ||

How To Chant – Before chanting you have to take a bath and wear fresh & holy clothes; then sit in front of lord hanuman with full dedication.

It has to be chanted or recited 108 times in a day or 21 times on prayer time (Morning & Evening) to get rid from any crisis and problems; you will get a peaceful and happiness life by god graces.

Click Play To Watch The Video of This Mantra

2 comments:

  1. How to Accomplishment of mantra (Mantra Siddhi)
    **मंत्र सिद्धि करने के लिए आवश्यक सामग्री और विधान**

    किसी भी मंत्र को सिद्ध करने के लिए नीचे दिए गए नियम व् सामग्री की आवश्यकता होती है, इसके बिना सिद्धिकरण अधूरा माना जाता है, इसलिए कृपया मंत्र को सिद्ध करने से पहले इन नियमों का पालन जरूर करना चाहिए |



    **पालनीय नियम**
    मानस के दोहे-चौपाईयों को सिद्ध करने का विधान यह है कि किसी भी शुभ दिन की रात्रि को दस बजे के बाद अष्टांग हवन के द्वारा मन्त्र सिद्ध करना चाहिये। फिर जिस कार्य के लिये मन्त्र-जप की आवश्यकता हो, उसके लिये नित्य जप करना चाहिये। वाराणसी में भगवान् शंकरजी ने मानस की चौपाइयों को मन्त्र-शक्ति प्रदान की है-इसलिये वाराणसी की ओर मुख करके शंकरजी को साक्षी बनाकर श्रद्धा से जप करना चाहिये।

    **अष्टांग हवन सामग्री**

    चन्दन का बुरादा, तिल, शुद्ध घी, चीनी, अगर, तगर, कपूर, शुद्ध केसर, नागरमोथा, पञ्चमेवा, जौ और चावल।

    **विधान**

    जिस उद्देश्य के लिये जो चौपाई, दोहा या सोरठा जप करना बताया गया है, उसको सिद्ध करने के लिये एक दिन हवन की सामग्री से उसके द्वारा (चौपाई, दोहा या सोरठा) 108 बार हवन करना चाहिये। यह हवन केवल एक दिन करना है। मामूली शुद्ध मिट्टी की वेदी बनाकर उस पर अग्नि रखकर उसमें आहुति दे देनी चाहिये। प्रत्येक आहुति में चौपाई आदि के अन्त में ‘स्वाहा’ बोल देना चाहिये।

    प्रत्येक आहुति लगभग पौन तोले की (सब चीजें मिलाकर) होनी चाहिये। इस हिसाब से 108 आहुति के लिये एक सेर (80 तोला) सामग्री बना लेनी चाहिये। कोई चीज कम-ज्यादा हो तो कोई आपत्ति नहीं। पञ्चमेवा में पिश्ता, बादाम, किशमिश (द्राक्षा), अखरोट और काजू ले सकते हैं। इनमें से कोई चीज न मिले तो उसके बदले नौजा या मिश्री मिला सकते हैं। केसर शुद्ध 4 आने भर ही डालने से काम चल जायेगा।
    हवन करते समय माला रखने की आवश्यकता 108 की संख्या गिनने के लिये है। बैठने के लिये आसन ऊन का या कुश का होना चाहिये। सूती कपड़े का हो तो वह धोया हुआ पवित्र होना चाहिये।

    एक दिन हवन करने से वह मन्त्र सिद्ध हो गया। इसके बाद जब तक कार्य सफल न हो, तब तक उस मन्त्र (चौपाई, दोहा) आदि का प्रतिदिन कम-से-कम 108 बार प्रातःकाल या रात्रि को, जब सुविधा हो, जप करते रहना चाहिये।
    कोई दो-तीन कार्यों के लिये दो-तीन चौपाइयों का अनुष्ठान एक साथ करना चाहें तो कर सकते हैं। पर उन चौपाइयों को पहले अलग-अलग हवन करके सिद्ध कर लेना चाहिये।

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