Last Updated: July 26, 2012

Hanuman Gayatri Mantra

हनुमान गायत्री मंत्र

Bajarang Bali Hanuman
हनुमान गायत्री महिमा

गायत्री मंत्र को जाप करने वाले और सात्विक मन्त्रों में श्रेष्ठ माना गया है | और माता भगवती कि कृपानुसार गायत्री मंत्र को विभिन्न वर्गों में भिभाजित किया गया है तथा यज्ञ और हवन में इन मंत्रो की आहुति को अत्यधिक महत्व दिया जाता है और शुभ माना जाता है | 

किसी भी यज्ञ या हवन के शुरुआत में सभी गायत्री मंत्रो की आहुति को अति उत्तम माना जाता है |

गायत्री के मंत्रो को कई देवताओं के श्रेणी में रखते हुए हर देव का गायत्री मंत्र और मूल मंत्र बनाया गया है जो अति प्रभावशाली है |
नीचे दिया हुआ मंत्र हनुमान गायत्री मंत्र कहलाता है,  इस मंत्र के जाप से हनुमान जी प्रसन्न होते है और भक्तों की उन पर कृपा होती है | मंत्र निम्न प्रकार से है:- 

In Hindi:-


ओम् आंजनेयाय विद्मिहे वायुपुत्राय धीमहि |
तन्नो: हनुमान: प्रचोदयात ||1||

ओम् रामदूताय विद्मिहे कपिराजाय धीमहि |
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात ||2||

ओम् अन्जनिसुताय विद्मिहे महाबलाय धीमहि |
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात ||3||

ओम् ह्रीं ह्रीं हूँ हौं हृ: 
इति मूल मंत्र |

In English:-


Ohm Aanjeyay Vidmahe Vayuputray Dhimahi |
Tanno: Hanuman: Prachodayat ||1||

Ohm Ramdutay Vidmahe Kapirajay Dhimahi |
Tanno: Maruti: Prachodayat ||2|| 

Ohm Anjanisutay Vidmahe Mahabalaay Dhimahi |
Tanno: Maruti: Prachodayat ||3|| 

Ohm Hrim Hrim  Hum Houm Hri:
Iti Mul Mantra |

हनुमानजी के भक्तों को इस हनुमत गायत्री मंत्र का जाप अवश्य कारण चाहिए तथा साथ में हनुमत मूल मंत्र का जाप भी श्रेष्ठ होता है | इस मंत्र का ध्यान व स्मरण करने मात्र से ही हनुमानजी प्रसन्न होते है व भक्तों के संकट और पीड़ा को हर लेते है |

जाप विधि:- प्रत्येक मंत्र को जपने और स्मरण करने का विधान होता है, और भक्तो को चाहिए कि वे विधि पूर्वक ही प्रत्येक मंत्र का जाप करे | इस हनुमान गायत्री मंत्र को मंगलवार या शनिवार के दिन प्रातकाल शुद्ध होकर आसन पर पूर्वदिशाभिमुख होकर विराजमान होकर मंत्र का जाप आरम्भ करना चहिये | इस प्रकार हनुमान जी का स्मरण करते हुए कम से कम 108 बार मंत्र जाप करे | भक्त चाहे तो मंत्र को हवन या यज्ञ विधि से सिद्ध भी कर सकते है |

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3 comments:

  1. shree tulsi krit ramayan katha karumati anusar
    premsahit gadi dhro padharo pavan kumar
    aaie hanumant birajie katha suno itihas
    tum sevak raghunath ke me tum charno ke das
    ram katha ke rasik tum bhakt raj mati dhir
    aai suasan karie prbhu tej punj kapi bir
    shree guru charan saroj raj nij man mukul sudhri
    barnu raghubar bimal jasu jo dayku fal chari
    budhi hin tanu janike sumiro pavankumar
    balbudhi vidhya dehu mohi harhu kales vikar
    vandu tulsi ke charan jin kijo jag kaj

    shrree guru charan saroj raj nij man mukur sudhari
    barnau raghubir bimal jasu jodayku fal chari

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  2. nice just come naear the god

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  3. जय श्री राम ।ॐ हनुमते नम:

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