!! भगवान शिव की आराधना !!
In Hindi:-
ओम् त्रयम्बकं यजामहे, सुगन्धिम्पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनात, मृत्युर्मुक्षीय मामृतात ||
In English:-
Ohm Trayambakam Yajamahe, SugandhimPushtiVardhanam |
Urvarukmiva Bandhanat, MrityurMukshiy Maamritat ||
इस मंत्र को अकाल मृत्यु से से छुटकारा पाने के लिए उपयोग में लिया जाता है और इसी मंत्र को ही हम ""महामृत्युंजय मंत्र" के नाम से जानते है | और दूसरे पहलू से देखा जाये तो भगवान शिव को सृष्टि संहारक या संहारकर्ता भी कहा जाता है, तो अकालमृत्यु से बचने वाले तो भगवान शिव ही माने जाते है | अत: मनुष्य को चाहिए की भगवान शिव की आराधना करते वक्त इस मंत्र का जाप, काशी की तरफ मुख करके, आसन पर स्थित होकर, पूर्ण रूप से समर्पित होकर करे | और जाप की कोई निश्चित सीमा निर्धारित नहीं है, कोई भी भक्त
कितना भी जाप कर सकता है, या 21 बार नित्य स्मरण भी फलदायी माना जाता है | अत: कोई भी साधक इस मंत्र का जाप करके भगवान शिव की आराधना कर सकता है |
(जय शिव शंकर )
No comments:
Post a Comment