Last Updated: July 19, 2012

Navagraha Gayatri Mantras

नवग्रह शांति निमित्त सिद्ध गायत्री मंत्र

Siddh Mantra To Overcome The Effects of Navagraha

Navagraha 
In the hindu methodology all the navagraha have relative movement with respect to the background of fixed stars in the zodiac. This includes the planets: Mars, Mercury, Jupiter, Venus, and Saturn, the Sun, the Moon, as well as positions in the sky, Rahu (north or ascending lunar node) and Ketu (south or descending lunar node).

Traditional Hindu astrologers castes in India are known to be major experts of Navagraha, many people would approach a hindu astrologer when they have problems and ask them on how to overcome them by performing certain rituals which involve worship of Navagraha to overcome ill effects.

So, we have to worship by these Navagrah Gaytri Siddh Mantra to overcome all the unknown bad effects.

प्रत्येक समय या काल में कोई न कोई गृह अनिष्टकारक रहता है | और उसके अनिष्टता के प्रभाव को को करने के लिए याचक को कोई न कोई उपाय कारण पडता है | अत: जो ग्रह अनिष्ट करता हो या जो ग्रह अनिष्टकारी हो उसके निमित्त उसी ग्रह के गायत्री मंत्र की 108 (एक सौ आठ) माला जपे व दशांश हवन करे | ऐसा करने से शांति मिलेगी व वह ग्रह आपको दुष्परिणाम के बजाय सुपरिणाम देगा | और इन मन्त्रों के प्रभाव से ग्रह दोष अगर हो तो उसका भी निवारण होता है |


सूर्य गायत्री मंत्र (Surya Gayatri Mantra)


ओम् भास्कराय विद्मिहे महातेजाय धीमहि |
तन्नो: सूर्य: प्रचोदयात ||


चंद्र गायत्री मंत्र (Chandra Gayatri Mantra)


ओम् क्षीरपुत्राय विद्मिहे मृतात्वाय धीमहि |
तन्नम्चंद्र: प्रचोदयात ||

भौमा गायत्री मंत्र (Mangala Gayatri Mantra)

ओम् अंगारकाय विद्मिहे वाणेशाय धीमहि |
तन्नो: भौम प्रचोदयात ||

बुध गायत्री मंत्र (Budha Gayatri Mantra)

ओम् सौम्यरुपाय विद्मिहे वाणेशाय धीमहि |
तन्नो: बुध: प्रचोदयात ||

बृहस्पति गायत्री मंत्र (Brihaspati Gayatri Mantra)

ओम् गुरुदेवाय विद्मिहे वाणेशाय धीमहि |
तन्नो: गुरु: प्रचोदयात ||

ओम् हूँ सं क्रां सौ: गुरुदेवपरमात्मने नमः इति मूलमंत्र

शुक्र गायत्री मंत्र (Shukra Gayatri Mantra)

ओम् भृगुसुताय विद्मिहे दिव्यदेहाय धीमहि |
तन्नो: शुक्र: प्रचोदयात ||

शनि गायत्री मंत्र (Shani Gayatri Mantra)

ओम् शिरोरुपाय विद्मिहे मृत्युरुपाय धीमहि |
तन्नो: सौरि: प्रचोदयात ||

राहु गायत्री मंत्र (Rahu Gayatri Mantra)

ओम् शिरोरुपाय विद्मिहे अमृतेशाय धीमहि |
तन्नो: राहु: प्रचोदयात ||

केतु गायत्री मंत्र (Ketu Gayatri Mantra)

ओम् गदाहस्ताय विद्मिहे अमृतेशाय धीमहि |
तन्नो: केतु: प्रचोदयात ||

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