पूर्ण भारतवर्ष में आज के दिन को तीज, हरियाली तीज और कजली तीज के रूप में मनाया जाता है, और यह त्योंहार मुख्यतः भारत और उसके आसपास के देशों में ही मनाया जाता है |
भगवान ब्रह्मा जगतपिता और परमपिता कहे जाते है क्योकि सारी सृष्टि के वे जनक कहे जाते है और उनको प्रजापति ब्रह्मा के नाम से भी जाना जाता है | जगत में पूजे जाने वाले तीनों देवो में इनको सर्वपूज्य माना जाता है और वयोवृद्ध होने के कारण सब देवों में पिता के रूप में पूजा जाता है अत: इसलिए इनको परमपिता भी कहा जाता है | भगवान ब्रह्मा को चार मुख होने के कारण चतुर्मुख ब्रह्म के नाम से भी जाना जाता है |
रक्षाबंधन – नाम से ही स्मरण हो आता है कि रक्षा हेतु बंधन और इस नाम का जिक्र करते ही याद आ जाता है श्रावण मास कि पूर्णिमा का शुभ अवसर जब बहने अपने भाई को चन्दनादि, और कुंकुम का टिका लगाकर आरती करती हुयी राखी का धागा बंधती है और वचन लेती है कि भैया आप मेरी रक्षा करने के लिए तैयार रहेंगे | और इसी रक्षाबंधन से जुडी है कई भारतीय पौराणिक कथाये, जो कि प्रत्येक भारतीय या तो बचपन में सुना करते थे या पढ़ा करते थे, इस नाम के मष्तिष्क में आते ही एकाएक ही इनका चित्रण दिमाग में घूम जाया करता है |