सर्वमनोकामना सिद्धि तथा शत्रु पर विजय हेतु शिव मंत्र
Lord Shiva Shankar |
भगवान शिव जो कि सृष्टि के विनाशकर्ता तथा संहारकर्ता है, और हिंदू मान्यताओं के अनुसार त्रिदेवो में इनका अहम कार्य है वो है संहार करना | अर्थात देवो के देव महादेव संहारक होते हुए भी जगत का आधार है और भक्तो में परम और करुना कि मूर्ति है | मनोकामना प्राप्त करने के लिए अर्थात मनोरथ सिद्ध करने हेतु तथा शत्रु का विनाश करने हेतु इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है |
आदिकाल से ही भगवान शिव को कृपा करने और वर देने के लिए अग्रणी माना जाता रहा है और भगवन महादेव तो इतने भोले है कि कोई भी भक्त पूर्ण श्रृद्धा से और पूर्ण समर्पण से उनको जपता है तथा वे प्रसन्न होने पर यह नहीं देखते कि कौन उनसे क्या वर मांग रहा है, तभी तो इनको भोलेनाथ भी कहा जाता है |
अत: मेरा अभिप्राय यह है कि भगवान भोलेनाथ को भक्त का श्रृद्धा और समर्पण भाव अति प्रिय है और शास्त्रों में कहा भी जाता रहा है कि "भगवान तो प्रेम के भूखे होते है, उन्हें कोई लालच दे तो उसकी उनके सामने क्या बिसात?" अर्थात प्रभु को मानाने के लिए दिखावे और आडम्बर की जरूरत नहीं है, प्रभु को प्रेम और समर्पित भाव से भजने में ही मनुष्य का सच्चा कल्याण है |
अत: मेरा अभिप्राय यह है कि भगवान भोलेनाथ को भक्त का श्रृद्धा और समर्पण भाव अति प्रिय है और शास्त्रों में कहा भी जाता रहा है कि "भगवान तो प्रेम के भूखे होते है, उन्हें कोई लालच दे तो उसकी उनके सामने क्या बिसात?" अर्थात प्रभु को मानाने के लिए दिखावे और आडम्बर की जरूरत नहीं है, प्रभु को प्रेम और समर्पित भाव से भजने में ही मनुष्य का सच्चा कल्याण है |
भगवान शिव के इस मंत्र को जपने वाले भक्तों के कभी भी विपत्तियां नहीं आती है और उनके सभी कष्टों का निवारण स्वयं भोलेनाथ करते है | सर्वमनोकामना सिद्धि तथा शत्रु पर विजय प्राप्ति का मंत्र इस प्रकार है:-
In Hindi:-
नमस्तेऽआयुधायानातताय धृष्णवे,
ऊँ रुद्राय नमः |
In English:-
Namaste Aayudhayanatataay Drishnave,
Ohm Rudraay Namah: |
इस मंत्र के जाप करने से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है तथा जमीन-जायदाद आदि विवादों का निपटारा होता है, और शत्रु पर विजय पाने के लिए भी इस मंत्र का उपयोग श्रेष्ठ माना गया है |
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