गृह शांति और मृत अथवा प्रेत आत्माओं से मुक्ति के लिए
गृह शांति और प्रेतात्माओं से मुक्ति केवल प्रभु (परमात्मा) कि कृपा से ही संभव है, क्योकि वह परमपिता परमेश्वर है और सब कुछ जो भी घटित हो रहा होता है या होने वाला होता है वह प्रभु कि ही लीला है | अत: इस परेशानी का हल भी प्रभु के पास ही होता है |
साधारणतया: कलियुग में हनुमान जी को अग्रणी देवता के रूप में पूजा जाता है और इस युग में प्रभु के वे एकमात्र भक्त है जो हमें कलियुग के मायाजाल से बचाते है, इसलिए अगर किसी को प्रेतात्माओं का भय सता रहा हो या प्रेत आत्माओं कि मुक्ति का उपाय करना हो तो हनुमान जी का स्मरण करना चाहिए |
अथवा हनुमान जी कि प्रतिमा को प्रतिष्ठित कर, आसान पर विराजित होकर पूर्वाभिमुख हो इस मंत्र का जाप करना चाहिए :-
Mantra in Hindi:-
भूत प्रेत निकट नहीं आवे | महावीर जब नाम सुनावे ||
संकट कटे मिटे सब पीरा | जो सुमिरे हनुमत बलबीरा ||
संकट ते हनुमान छुडावे | मन क्रम वचन ध्यान जो लावे ||
Mantra in English:-
Bhut Pret Nikat Nahi Aave | Mahaveer Jab Naam Sunave |
Sankat Kate Mite Sab Peera | Jo Sumire Hanumat Balbeera ||
Sankat Te Hanuman Chudave | Man Kram Vachan Dhyan Jo Laave ||
और हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करने वाले भक्त के कभी भी किसी भी प्रकार का संकट नहीं हो सकता है |
तथा ग्रहशांति और मृतात्माओं से छुटकारा या मुक्ति का उपाय श्रीमद्भगवद्गीता भी है अत: साधकों को गीता का पाठ करना चाहिए जिनसे उनके संकटों का निवारण हो तथा उनका कल्याण हो | और गीता का एक मंत्र भी इस दृष्टि से अति प्रभाकारी माना गया है | श्री कृष्ण भगवान ने गीता के एक श्लोक में दिया है, इसमें अर्जुन ने भगवान श्री कृष्ण से संकट से मुक्ति का उपाय पूछा था तब भगवान ने कहा कि:-
In Hindi:-
कार्पण्यदोषोपहतस्वभावः
पृच्छामि त्वां धर्मसम्मूढचेताः |
यच्छ्रेयः स्यान्निश्चितं ब्रूहि तन्मे
शिष्येस्तेऽहं शाधि मां त्वां प्रपन्नम् ||
पृच्छामि त्वां धर्मसम्मूढचेताः |
यच्छ्रेयः स्यान्निश्चितं ब्रूहि तन्मे
शिष्येस्तेऽहं शाधि मां त्वां प्रपन्नम् ||
In English:-
KarpanyaDoshopahat Svabhav:
Prichchhami Tvam DharmaSammoodacheta: |
Yachchhreya: Syannishchitam Bruhi Tanme
Shishyesteaham Shadhi Mam Tvam Prapannam ||
Prichchhami Tvam DharmaSammoodacheta: |
Yachchhreya: Syannishchitam Bruhi Tanme
Shishyesteaham Shadhi Mam Tvam Prapannam ||
इस प्रकार इस मंत्र का जाप करने से भक्तों के सभी प्रकार के संकट दूर हो जाते है व गीता के पाठ करने के साथ साथ अगर इस मंत्र का जाप किया जाये तो उस मनुष्य का कल्याण हो जाता है |
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